सुबह

Litreture

कविता : निष्काम प्रेम

आज ज़माना क्या फिर आयेगा, राधा कृष्ण का त्याग बतलायेगा, निष्काम प्रेम की वो आधारशिला, जो नि:स्वार्थ जीवनपर्यंत निभायेगा।   मित्रता की नींव अगर भावनाओं से, जुड़ी है तो इसका टूटना मुश्किल है, और अगर यह स्वार्थ से जुड़ी हुई है, तो इसका टिकना बहुत मुश्किल है। कविता: मैं स्वर उधार माँगता हूँ हर सुबह […]

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