Gayatri

Litreture

कविता:  जिस घर में मेरा नाम भी नहीं दिखता 

दिन का उजाला तो सपने देखने में बीता, रात का अँधेरा बेटे को सुलाने में बीता, मेरा पूरा जीवन उस को सजाने में बीता, जिस घर में मेरा नाम भी नहीं दिखता।   बचपन जहाँ बीता वह एक घर मेरा था, छूट गया जब किसी और के घर आना था, अब न वो रहा मेरा […]

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