संधिग्ध परिस्थिति में कमरे में लटका मिला डॉक्टर का शव, जांच में जुटी पुलिस

उमेश चन्द्र त्रिपाठी

महराजगंज जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में एक डॉक्टर का फंदे से लटकता शव मिला है। मृतक डॉक्टर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिसवा में डेंटल पद पर तैनात थे। डॉक्टर का शव उनके कमरे में लटका हुआ मिलने से सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी होने पर परिजनों ने आनन फानन में फंदे से नीचे उतार कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और घटना की जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

बताया जाता है कि मृतक डॉक्टर अनिल तिवारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिसवा में डेंटल पद पर तैनात थे। वह छुट्टी लेकर दीवानी न्यायालय में चल रहे एक केस का पैरवी करने गए थे। तारीख देखने के बाद वह निचलौल तहसील पहुंचे। जहां पर उनके साले और ससुर से विवाद हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने बीच बचाव किया और किसी तरह मामला शांत हुआ। इसके बाद वह ठूठीबारी अपने पुराने मकान पर चले आये। जब कुछ देर बाद परिजन वहां पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर वह दंग रह गए। जहां उनके पिता कमरे के अंदर फंदे से लटकते हुए नजर आए। आनन फानन में परिजनों ने नीचे उतारकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूछताछ में जुट गई है।

इस घटना के संबंध में कोतवाली ठूठीबारी थाना अंतर्गत ठूठीबारी गांव निवासी मृत डॉक्टर अनिल तिवारी के पुत्र कुशाग्र तिवारी ने बताया कि वह गोरखपुर में रहकर नीट की तैयार करते है। पिता डॉ अनिल तिवारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिसवा में डेंटल पद पर तैनात थे। जो आज छुट्टी लेकर दीवानी न्यायालय में चल रहे एक केस की तारीख देखने गए थे। तारीख देखने के बाद वह निचलौल तहसील पहुंचे। जहां पर पिता अनिल तिवारी ने एक अधिवक्ता से मुलाकात कर केस के बारे में कुछ जानकारी ली। इसी बीच पहले से मौजूद मामा और नाना ने पिता को रोक लिया। फिर मामा और नाना पिता को धमकी देते हुए दुर्व्यवहार करने लगे। कुछ लोगों के बीच बचाव के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। वहीं आहत पिता उन्हें लेकर घर ठूठीबारी चले आये। जहां पर वह पुराने मकान में चल रहे मेडिकल स्टोर की दुकान पर रुक गए। जबकि पिता गांव के बाहर बने नए मकान की चाबी लेकर वहां पर चले गए। जब दुकान बंद कर वह पिता के पास नए मकान पर पहुंचे तो वहां का दृश्य देखकर वह दंग रह गए। आनन-फानन में पिता डॉ अनिल तिवारी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निचलौल में भर्ती कराया गया। जहां पर डाक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।

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