रंजन कुमार सिंह
धनबाद/रांची। पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय किसी न किसी बहाने लगातार धनबाद आ रहे हैं। धनबाद में उनकी कोई खास राजनीतिक जमीन नहीं है। इसके बावजूद सरयू राय का दामोदर प्रेम कोयलांचल के सियासी हलके में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनका धनबाद लगातार आना राजनीतिक रणनीतिकारों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लोगों को लग रहा है कि कहीं न कहीं बात कुछ और है।
एक सप्ताह पहले सरयू राय दो दिनों के लिए धनबाद आए। बुधवार को पुन: धनबाद आए। लोकसभा चुनाव अब करीब है। ऐसे में सरयू राय का लगातार धनबाद दौरे को लेकर सियासी मायने-मतलब निकाला जा रहा है। सरयू राय के लिए सबसे बड़ी परेशानी यह है कि फिलहाल वे किसी दल में नहीं हैं। राय खुद इस बात को स्वीकार करते हैं कि निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ना आसान नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ने के कारण उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया है। जानकार बताते हैं कि राय भाजपा में वापसी चाहते हैं, लेकिन यह आसान नहीं है। रघुवर दास भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसलिए राय की भाजपा में वापसी आसान नहीं है। भाजपा में रहते सरयू राय जब धनबाद आते थे, तो उनसे धनबाद के भाजपाई मिलते-जुलते थे। अब वह स्थिति नहीं है। उनके करीबी भाजपाई भी सार्वजनिक तौर पर मिलने से परहेज करते हैं।
वैसे धनबाद भाजपा के एक वरिष्ठ नेता की मानें, तो सरयू राय का लगातार धनबाद दौरा अकारण नहीं है। यह अलग बात है कि उनको कितनी सफलता मिलती है। फिलहाल वे वैसे लोगों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूर्व में भाजपा में सक्रिय थे और अब असंतुष्टों की जमात में हैं। ट्रेड यूनियनों में सक्रिय कुछ लोगों से भी राय इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं।बुधवार को धनबाद आने पर सरयू राय ने NF BCCL CMD समीरन दत्ता से मुलाकात की। मौके पर उन्होंने गोंदूडीह हादसे पर बात की। उन्होंने तीन महिलाओं की मौत पर चिंता जताई। आउटसोर्सिंग कंपनियों में सुरक्षा सहित कई मुद्दे को CMD के समक्ष रखा।