- पुलिस अभिरक्षा में संगीन वारदात तो कैसे थमे अपराध
- कभी जेल में तो कभी बाहर तड़तड़ा रहीं गोलियां
- माफिया अतीक और मुन्ना बजरंगी के बाद संजीव हत्याकांड ताज़ा उदाहरण
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। कैसरबाग स्थित सेशन कोर्ट में बुधवार को पेशी पर आए मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा (48) की हत्या के बाद एक बार फिर कानून-व्यवस्था सवाल खड़े कर दिए। इस घटना ने पुराने ज़ख्मों को ताज़ा कर दिया है। यहां राह का कांटा और वर्चस्व की लड़ाई में जेल बंद और बाहर सूचीबद्ध अपराधियों का खून बहाने का चलन बड़ा पुराना है। कुख्यात बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद यूपी की जेलों में बंद वह सभी सूचीबद्ध अपराधी सहम गए हैं, पेशी पर आने के लिए डर महसूस कर रहे हैं है। क्योंकि जब न्याय की मंदिर में ही कोई सुरक्षित नहीं हैं। इसका ताजा उदाहरण संजीव हत्याकांड। एक दूसरे को देख लेने और वर्चस्व की लड़ाई में जेल में बंद सूचीबद्ध अपराधियों का खून बहाने का खेल तो पता नहीं कब से चल रहा है, पर उत्तर प्रदेश में इसकी आहट नौ जुलाई वर्ष 2018 में महसूस की गई।
बागपत जेल में बंद माफिया प्रेमप्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की जेल परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह राह में कांटा और वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा रहा। सूबे में कानून व्यवस्था पर गौर करें तो 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज जिले में पुलिस अभिरक्षा में इलाज के लिए जा रहे माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह महज़ बानगी भर है इससे पहले भी कई सूचीबद्ध बदमाशों की जेल के भीतर और बाहर मौतें हो चुकी हैं।
,,,, जब-जब जेल में गई जान,,,,
पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षा पर गौर करें तो वर्ष 2008- डासना जेल में कविता हत्याकांड के आरोपित रवीन्द्र प्रधान की संदिग्ध हालात में मौत।
वर्ष 2009- डासना जेल में ही बस विस्फोट कांड के आरोपित शकील अहमद की कथित मौत।
वर्ष 2011- लखनऊ जिला जेल में सीएमओ हत्याकांड के आरोपित वाईएस सचान की संदिग्ध हालात में मौत।
वर्ष 2012- मेरठ जिला जेल में तलाशी के दौरान विवाद, फायरिंग में दो बंदियों मेहरादीन और सोमवीर की मौत।
वर्ष 2012- जिला जेल कानपुर देहात में विवाद के दौरान बंदी रामशरण सिंह भदौरिया की मौत।
वर्ष 2014- गाजीपुर जिला जेल में प्रशासन और बंदियों के संघर्ष में बंदी विश्वनाथ प्रजापति की मौत।
वर्ष 2015- मथुरा जिला जेल में दो गुटों के बीच फायरिंग में पिंटू उर्फ अक्षय सोलंकी और राजेश टोटा की गोली लगने से मौत।
वर्ष 2016- सहारनपुर जिला जेल में सुक्खा नामक कैदी की गला रेत कर हत्या।
वर्ष 2016- उरई जिला जेल में प्रिंस अग्रवाल की मौत।
नौ जुलाई वर्ष 2018- को बागपत जेल में बंद माफिया प्रेमप्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या।
पांच अप्रैल 2023- प्रयागराज जिले में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या।
सात जून 2023- राजधानी लखनऊ में पेशी पर आए मुख्तार अंसारी गैंग का शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की भरी अदालत में पुलिस अभिरक्षा में गोली मारकर हत्या।