चैत्र शुक्ल पूर्णिमा है हनुमत अवतरण दिवस

श्रीराम के परम भक्त~अंजनी नंदन


बलराम कुमार मणि त्रिपाठी
बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

श्री हनुमान जी प्रभु श्रीराम के अनन्य सेवक हैं। अपने गुरु सूर्य से दीक्षा लेने के बाद गुरु दक्षिणा स्वरूप उन्हीं के अंश सुग्रीव के सेवक हैं। यह सुग्रीव की प्रभु श्रीराम से मैत्री कराने वाले हैं। पहली बार जाना कि राम- सुग्रीव की मैत्री अग्नि को साक्षी देकर हुई थी। “पावक साखी देइ करि जोरि प्रीति दृढाइ।” हमने इतने मित्र बनाये पर कभी #अग्नि को साक्षी देकर नहीं हुआ।शायद तभी स्थायी मित्रता नहीं मिली।

श्रीराम के मिलने से न केवल किष्किंधा राज्य पुन: सुग्रीव को वापस मिला,सुग्रीव के जीवन का उद्देश्य भी सध गया। हर प्राणी अंत मे अपनी सद्गति के लिए,राम को निहारता है। सुग्रीव भी चिरजीवी है। श्रीराम ने जिसकी रक्षा स्वीकार कर लिया,वह भला क्यों मरेगा? विभीषण भी इसीलिए चिरंजीवी हुए। श्रीहनुमान जी जीवों पर कृपा कर उसे श्रीराम जी के सम्मुख कर देते हैं है। गोस्वामी तुलसी दास को चित्रकूट में श्रीराम लषन से मिलाने वाले भी हनुमान जी रहे‌। हम सभी उनकी आराधना करते है़,ताकि एक बार कृपा दृष्टि उनकी इधर भी होजाए।
चैत्र मास की पूर्णिमा को प्रात: मेष लग्न मे हनुमान जी का अवतरण हुआ। चतुर्दिक पूरी प्रकृति मे प्रसन्नता छा गई। माता अंजनी पुत्र जन्म सुन कर हर्षित हुईं। पिता केशरी ने नाना प्रकार के न्योछावर लुटाये। वन प्रांतर में बाग बगीचे खिल उठे। पक्षियों का कल कल निनाद शुरु हुआ। सुंदर सुगंधि से गिरि कानन मह-महा उठे। पौराणिक ग्रंथों की माने तो हनुमान जी एकादश रुद्र के साक्षात अवतार था। शिव की शक्ति ही अविनी कुमारो की मदद से वायु देवता द्वारा लाई जाकर अंजनी के गर्भ का स्पर्श कर परम तेजस्वी संतान बन कर प्रकट हुई।

माता जानकी ने अशोक वाटिका मे रहते हुए अपने जीवन को घोर अंधेरे मे पाया, ऐसे मे हनुमान ने लंका नगरी मे आकर उजेला कर दिया। मां सीता को राम जी की सुधि मिली। लंका मे रावण की बुद्धि पलटी तो उसने दंड स्वरूप भक्त प्रवर हनुमान को जलाना चाहा,पर जल गई उसकी ही अपनी नगरी लंका। बलबुद्धि और पराक्रम मे आगर देख हनुमान को माता सीता ने आठो सिद्धियां और नवोन निधियां दे डालीं और इन्हें अजर अमर बना दिया। श्रीराम का सदा के लिए कृपा पात्र बना डाला। मान्यता है कलियुग मे श्री अयोध्या धाम को हनुमान जी को सौंप श्रीराम जी प्रजा समेत परम धाम को गए। आज हनुमान जी श्री अयोध्या के राजा हैं।

हनुमान जन्मोत्सव (छह अप्रैल)पर करें…

ॐ हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्… हनुमान जी की कृपा मिले। सुबह मेष लग्न मे ( प्रात:6.24 से प्रारंभ) स्नानादि कर के हनुमान जी के सम्मुख दीपक जलाकर इस मंत्र का जप,सुंदर कांड,हनुमान चालीसा का पाठ करें। आरती कर प्रसाद बांटै। हनुमान जी का अवतरण चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को प्रात: मेष लग्न मे… हुआ था। सूर्योदय मीन लग्न मे होगा। इसके बाद प्रात: 6.24पर मेष लग्न लग जायेगा।

ज्योतिषीय विचार

शुक्र का वृष राशि मे गोचर शुभ है। दैत्य गुरु शुक्र स्वगेही हुए। वृहस्पति मीन मे स्वगेही हैं।

सूर्य मीन  राशि से अपने उच्च राशि मेष मे खरमास के आंतिम दिन (14अप्रैल को) चले जाएंगे।

Religion

किस राशि के लोग बन सकते हैं परफेक्ट पार्टनर और किससे बिगड़ सकता है रिश्ता

विपरीत या शत्रु राशि के साथ शादी करने से वैवाहिक जीवन बन सकता है क्लेश मीन राशि के लिए मेष और वृश्चिक राशि के पार्टनर होते हैं बेहतर वृष, कन्या व मकर के लिए मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले होते हैं शत्रु राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद ज्योतिष के अनुसार, विपरीत या शत्रु राशि […]

Read More
Religion

वर्ष 2024: गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा छठ महापर्व, शुक्रवार सुबह तड़के उगते सूर्य को भक्तगण करेंगे सलाम

डाला छठ आजः महिलाएं घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं व्रत कब है छठ पूजा और कब होगा नहाय-खाय, इसके अलावा जानिए कब है खरना और कब होगा समाप्ति ए अहमद सौदागर लखनऊ। हर साल की तरह इस वर्ष भी छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की […]

Read More
Religion

भाईदूज व गोवर्धन पूजा एक ही साथ आज, कई बरसों बाद बना यह अनोखा संयोग

कब है भाई दूज और कब है गोवर्धन पूजा का मुहूर्त पहली बार एक साथ पड़े हैं ये दो त्यौहार, जानें क्यों राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। […]

Read More