डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
विगत छह वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रति देश की मान्यता बदल चुकी है। पहले यहां भी सरकारें बदलती थी। लेकिन व्यवस्था यथावत रहती थी। क्योंकि परिवार आधारित पार्टियों की भावभूमि में कोई अन्तर नहीं होता था। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड तो देश में अपनी त्रासदी के लिए ही चर्चित थे। करीब चालीस वर्षों तक यहां की यही कहानी थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश जापानी बुखार के कारण चर्चित रहता था। बुंदेलखंड को पानी की कमी से जुझना पड़ता था। बड़ी संख्या में यहां के लोग अपने मवेशियों को छोड़ कर पलायन करने को विवश होते थे। पूर्ववर्ती सरकारें भाजपा पर हमला बोलती हैं। लेकिन वह उन पार्टियों की सरकारें इन समस्याओं के समाधान में पूरी तरह विफल रहीं थीं। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इच्छाशक्ति से इन समस्याओं का समाधान किया।
अब पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड की चर्चा विकास के लिए होती है। पूर्वांचल एक्स्प्रेस वे, बुंदेलखंड एक्स्प्रेस और डिफेंस कॉरिडोर उद्योगीकरण में भी सहायक सिद्ध हो रहे हैं। बुंदेलखंड में हर घर नल से जल का सपना साकार हो रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है। योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर, देवरिया और महराजगंज की यात्रा को इसी संदर्भ में देख जा सकता है। सभी जगह विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई दी। एक जनपद एक उत्पाद की तरह सरकार एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ की संकल्पना को क्रियान्वित कर रही है। महराजगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। आगामी छह माह में इसका उद्घाटन किया जाएगा। पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर जनपद में ही मेडिकल कॉलेज था। आज गोरखपुर में एम्स खुल गया है। कुशीनगर, बलरामपुर, गोण्डा में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहा है। देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती, बहराइच में मेडिकल कॉलेज प्रारम्भ हो चुके हैं।खेल के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड में एक मिनी स्टेडियम, प्रत्येक जनपद में एक स्टेडियम का निर्माण किया जायेगा। योगी आदित्यनाथ ने देवरिया में लगभग चार सौ अस्सी करोड़ रुपये की करीब सवा सौ विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
गोरखपुर में मानीराम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का लोकार्पण किया गया। महराजगंज में अट्ठाइस सौ करोड़ रुपये से अधिक लागत की एक हजार अस्सी विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में भोलाराम मस्करा इण्टर कालेज में युवा कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अन्तर्गत ग्रामीण स्टेडियम का शिलान्यास भूमिपूजन किया। दस करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाला यह ग्रामीण स्टेडियम मल्टी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, एथलेटिक्स टै्रक तथा दर्शक दीर्घा से युक्त होगा। गोरखपुर गीडा में लगभग ग्यारह सौ करोड़ रुपये की लागत से पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज़ लिमिटेड के उत्पादन एवं बॉटलिंग प्लाण्ट का भूमिपूजन किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छह वर्ष पूर्व जनपद महराजगंज भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन जनपदों की तरह अभिशापित जनपद था। जहां वर्षा प्रारम्भ होने के साथ ही इंसेफेलाइटिस का दंश मासूम बच्चों को निगलने लगता था। सैकड़ों बच्चे इस बीमारी की चपेट में आते थे। चालीस वर्षों में पूर्वी उत्तर प्रदेश ने पचास हजार मासूमों को खोया है। वर्तमान केंद्र और प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश से आज इंसेफेलाइटिस का पूर्ण रूप से उन्मूलन हो चुका है।
सरकार द्वारा शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, शौचालय, स्वास्थ्य केन्द्रों का सुदृढ़ न होना इंसेफेलाइटिस का मुख्य कारण था। इन सभी समस्याओं का समाधान हो चुका है। शुद्ध पेयजल आधी से ज्यादा बीमारियों का समाधान है। महराजगंज के प्रत्येक परिवार के घर में हर घर नल योजना के माध्यम से शुद्ध आरओ का पानी पहुंचाने की योजना का शिलान्यास किया गया है। आने वाले समय में हर घर तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो जाएगी। इंसेफेलाइटिस की वैक्सीन को भारत आने में सौ साल लग गए थे। जबकि कोरोना महामारी के नौवें माह में ही भारत ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दो स्वदेशी वैक्सीन बना ली। इंसेफेलाइटिस का वैक्सीन जापान में सौ वर्ष पहले बन गया था।भारत पहुँचने में इसे सौ वर्ष लगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने व्यापक अभियान चलाकर इंसेफेलाइटिस की रोकथाम पर ध्यान दिया। इसका परिणाम है कि चालीस साल में पचास हजार से अधिक मासूमों को असमय काल कवलित करने वाली इंसेफेलाइटिस अब पूरी तरह नियंत्रित है। वर्तमान राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के चौवन लाख गरीब परिवारों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया है। दो करोड़ इकसठ् लाख गरीबों को शौचालय की सुविधा दी गई।
एक करोड़ पचपन लाख गरीबों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए। प्रदेश के पंद्रह करोड़ लोगों को विगत तीन वर्षों से निःशुल्क राशन की सुविधा मिल रही है। नौजवानों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने हेतु प्रत्येक जनपद में स्नातक और परास्नातक स्तर के छात्रों को टैबलेट तथा स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहा है। डिजिटल लाइब्रेरी के साथ स्कूल एवं कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को जोड़ा जा सकेगा। महात्मा बुद्ध के नाम पर कुशीनगर जनपद में स्थापित हो रहा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आधुनिक तकनीक व सभी प्रकार की सुविधाओं से युक्त होगा। विश्वविद्यालय के लिए इस बजट में प्राविधान किया गया है। पैसा किसी कार्य में बाधा नहीं बन सकता। पैसे की कोई कमी नहीं है। उत्तर प्रदेश का राजस्व कई गुना बढ़ा है। इस पैसे का उपयोग किसानों व नौजवानों के हित के लिए हो रहा है। चीनी के कटोरे के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र के चीनी उद्योग बन्द हो गए हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने यहां स्थापित बाइस चीनी मिलों को बेच दिया था। इन चीनी मिलों पर लाखों किसान आश्रित थे तथा बड़ी संख्या में नौजवानों के पास रोजगार व नौकरी थी। राज्य सरकार ने इन चीनी मिलों को पुनः संचालित कराने का संकल्प लिया है। प्रदेश में निवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। लगभग पैंतीस लाख करोड़ रुपये के निवेश की परियोजनाएं प्रदेश में आ रही हैं। आगामी दो से तीन वर्षां में एक करोड़ नौजवानों के लिए नौकरी के अवसर सृजित होने जा रहे हैं। उन नौजवानों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने, स्किल मैपिंग एवं स्किल डेवलपमेण्ट के लिए ITI पॉलीटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज का एक बड़ा जाल बिछाया जा रहा है। दूर-दराज के स्वास्थ्य केन्द्रों को भी सुविधा सम्पन्न बनायाi जा रहा है।
प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को इस तकनीक से जोड़ने की कार्यवाही की जा रही है। पेप्सिको की फ्रेंचाइजी वरुण बेवरेजेज़ लिमिटेड के उत्पादन एवं बॉटलिंग प्लाण्ट किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगा। केवल गेहूं और चावल पैदा करने से किसान की आमदनी नहीं बढ़ेगी, किसानों को उत्पादन के साथ-साथ पैकेजिंग एक्सपोर्ट के साथ जुड़ना होगा, जिससे किसान अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। यहां पर पेप्सी के साथ फ्रूट जूस का उत्पादन भी होगा, जिससे आम, लीची, अमरुद इन सभी फलों की खपत होगी और किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा। इस प्लाण्ट का निर्माण हो जाने के बाद यहां पर अकेले तीन लाख लीटर दूध की आवश्यकता पड़ेगी। इससे यहां के किसानों को हर सीजन में दूध का अच्छा दाम मिलेगा। किसानों, पशुपालकों, औद्यानिक फसलों से जुड़े कृषकों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने के लिए यहां पर एक प्रयास प्रारम्भ हुआ है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जो एमओयू हुए हैं, उसके तहत पहला प्लाण्ट गोरखपुर में स्थापित होने जा रहा है। तीन अन्य प्लाण्ट भी लगेंगे। वरुण बेवरेजेज के प्रदेश में चार स्थलों पर इस प्रकार के बॉटलिंग प्लाण्ट लगने से जनता को अलग-अलग प्रकार के मधुर पेय उपलब्ध हो सकेंगे। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुडे लिंक एक्सप्रेस-वे के किनारे यह प्लाण्ट लगने जा रहा है। पूर्वी बंदरगाह से जुड़ने पर गोरखपुर में बना प्रोडक्ट देश और दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचेगा। अब प्रदेश के सभी जनपदों में निवेश हो रहा है, अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर बन रहा है। राज्य सरकार पूर्वांचल को जोड़ने हेतु पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र को जोड़ने के लिए बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे दे चुकी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे का कार्य चल रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी फोर -लेन की हो रही है। नेपाल,बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, राजस्थान,हरियाणा तथा उत्तराखण्ड आदि के साथ जोड़ने हेतु फोर लेन कनेक्टिविटी हो चुकी है।जाहिर है कि छह वर्ष पहले प्रदेश के जो क्षेत्र अभाव और त्रासदी के लिए चर्चित होते थे। वहां अब विकास की चर्चा होती है।