सबरीमाला। केरल में विशु उत्सव, मलयालम नव वर्ष पर विश्व प्रसिद्ध भगवान अयप्पा सहित सभी मंदिरों में ‘विशुक्कनी’ के देखने और पूजा अर्चना करने के लिए शनिवार सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही हैं। इस दिन पहाड़ी मंदिर में नेय्याभिषेकम, कालभाभिषेकम और पदिपूजा जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं। विशु, मलयालम नव वर्ष की शुरुआत होती है, यह दुनियाभर में मलयाली लोगों द्वारा पारंपरिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आज सुबह से ही लाखों लोग केरल के प्रमुख मंदिरों में पूजा-अर्चना करने और ‘विशुक्कनी’ देखने के लिए आ रहे है। शुभ ‘विशुक्कनी’ को देखने के लिए लोग तड़के उठ जाते हैं अनुष्ठान में मौसमी फल, चावल, नारियल, कटहल, सब्जियां, फूल, सोना, सिक्के, कपड़े, सुनहरा ककड़ी और कोन्ना जैसी शुभ वस्तुओं की व्यवस्था होती है।
पारंपरिक मान्यता यह है कि विशु पर सबसे पहले शुभ, हर्षित चीजों को देखा जाए तो नया साल बेहतर होगा। इस दिन बड़ों द्वारा छोटों या परिवार के आश्रितों को धन देने की भी एक प्रचलित परंपरा है। इसे ‘विशु कैनीट्टम’ कहा जाता है। बच्चे इस दिन आतिशबाजी कर विशु का स्वागत करते हैं। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से कर्नाटक में उगाधी, असम में बिहू और पंजाब में बैसाखी के रूप में मनाया जाता हैं।
इस अवसर पर पद्मनाभ मंदिर, अरनमुला पार्थसारथी मंदिर, गुरुवयूर श्रीकृष्ण मंदिर, वैक्कोम महादेव मंदिर, तिरुवनवंदूर गोशाला-महाविष्णु मंदिर, कोडुंगल्लूर देवी मंदिर, मलयालपुझा देवी मंदिर पट्टाझी देवी मंदिर सहित राज्य भर के प्रमुख मंदिरों में ‘विशुक्कानी’ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ देखी जा रही हैं। इस दौरान कई मंदिरों में श्रद्धालु ‘विशु कैनीट्टम’ देकर पुजारियों से आशीर्वाद ले रहे है। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विपक्ष के नेता वीडी सतीसन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला, विधायकों, मंत्रियों और सांसदों ने भी इस अवसर पर लोगों को बधाई दी। (वार्ता)