लखनऊ। आज अम्बेडकर अध्ययन केंद्र, विद्यांत हिंदू पीजी कॉलेज, लखनऊ में डॉ. अम्बेडकर पर व्याख्यान की श्रृंखला में दूसरा व्याख्यान आयोजित हुआ। मुख्य वक्ता प्रो बीबी मलिक, (अंबेडकर स्कूल ऑफ सोशल साइंस,बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ) थे। स्वागत भाषण प्रो बृजेंद्र पाण्डेय ने दिया। कार्यक्रम का संचालन मनीष हिंदवी (समन्वयक, अम्बेडकर अध्ययन केंद्र, विद्यांत महाविद्यालय) ने किया। प्रो बृजेंद्र पांडेय ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर को समग्र रूप से समझने की आवश्यकता है। शिवाशीष घोष प्रबंधक विद्यांत महाविद्यालय ने कहा कि भारत में वंचितों और पिछड़ों को समाज की मुख्यधारा में लाने का श्रेय डॉ. अंबेडकर को जाता है।
प्रो बीबी मलिक ने कहा कि मिशिगन विश्वविद्यालय, USA एक सप्ताह के लिए “सामाजिक समानता” मना रहा है। हैम्बर्ग विश्वविद्यालय, कनाडा ने भी 14 अप्रैल, डॉ. अम्बेडकर के जन्मदिन को समानता दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने कहा कि डॉ. बीआर अम्बेडकर की वैश्विक प्रासंगिकता है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए डॉ. अंबेडकर का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने भूमि सुधार और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जमींदारी के समेकन और भूमि के निजी स्वामित्व के खिलाफ वकालत की। इस प्रकार राज्य द्वारा उत्पादन का का समर्थन किया था।
उनका महत्वपूर्ण योगदान जल प्रबंधन पर था। उनके प्रयास देश में पानी और बिजली के लिए एक राष्ट्रीय नीति के विकास में अग्रणी थे। यह अम्बेडकर ही थे जिन्होंने कई नए विचारों और परियोजनाओं के बीज बोए। डा अंबेडकर की पुस्तक The Problem of the Rupee – Its Origin and Its Solution, में प्रस्तुत विचारों को आधार बना कर Hilton Young Commission ने एक केंद्रीय बैंक का सुझाव दिया और भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई। विद्यांत कॉलेज के छात्र रजत अवस्थी एमए इतिहास को विभागाध्यक्ष प्रो अमित वर्धन और एमकॉम के छात्र सचिन ओझा को विभागाध्यक्ष प्रो राजीव शुक्ला ने यूजीसी-नेट परीक्षा पास करने पर सम्मानित किया। महाविद्यालय के समाज कार्य के शिक्षक श्री सहादत हुसैन को उनके शोध कार्य पूर्ण करने की बधाई दी गई। LUACTA के उपाध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ सिंह, शिया पीजी कॉलेज से डॉ. अमित राय, डॉ. जय सिंह, डॉ. मोहम्मद अली, डॉ. रोबिन वर्मा, BSNV कॉलेज से डॉ. स्नेह प्रताप सिंह, शशि भूषण कॉलेज से डॉ. बिंदू और डॉ. रमा मिश्रा आदि कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शैक्षणिक स्टाफ, छात्रों आदि ने भी भाग लिया।