डॉ.दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उच्च शिक्षण संस्थानों की गतिविधियों में विद्यार्थियों को भी सहभागी बनाने का सुझाव देती रहीं हैं। वस्तुतः ऐसा करने से विद्यार्थियों में जिम्मेदारी का विकास होता हैं। यह उनके सर्वागीण विकास में सहायक होता है। एक बार फिर उन्होंने विश्वविद्यालय की नैक तैयारी टीम में नए शिक्षकों और विद्यार्थियों को सहभागी बनाने का सुझाव दिया है। विद्यार्थियों को नैक ग्रेडिंग की उपयोगिता से अवगत कराना चाहिए। जिससे विद्यार्थी भी इसकी तैयारियों में सकारात्मक योगदान दें। राज्यपाल राजभवन में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार सेल्फ स्टडी रिपोर्ट की समीक्षा कर रहीं थीं।
उन्होंने प्रस्तुतिकरण बिन्दुवार अवलोकन किया। प्रत्येक क्राइटेरिया में व्यापक सुधार के निर्देश दिए और प्रस्तुतीकरण को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। कहा कि विश्वविद्यालय के परिसर में महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित कार्यक्रमों का आयोजन कराकर उसमें विद्यार्थियों की प्रतिभागिता सुनिश्चित रहे। विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी के दर्शन और प्रेरणाओं का वातावरण कायम करना चाहिए। गांधी जी की स्मृतियों पर बनी वीथिका को प्रस्तुतीकरण में स्थान देना चाहिए। 102 वर्ष पुराने इस विश्वविद्यालय का गौरव SSR में प्रदर्शित होना चाहिए।
उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले विद्यार्थियों के कार्यक्रमों पर पुस्तक बनाने का निर्देश भी दिया। इसका विवरण प्रस्तुतिकरण के हायपर लिंक में जोड़ना चाहिए। राज्यपाल ने विद्यार्थियों की कलाकृतियों और पेंटिंग्स को भी परिसर में प्रदर्शित कराने को कहा। अन्य विश्वविद्यालयों द्वारा चौबीस घंटे पुस्तकालय सुविधा उपलब्ध होने का उदाहरण दिया। विश्वविद्यालय में इसके खोलने की समय-सीमा बढ़ाने को कहा। उन्होंने नैक तैयारी हेतु गठित टीम को तैयारी के लिए अपना अधिक समय देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अपनी तैयारी हेतु टीम के सदस्य उच्चतम नैक ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालयों से मार्ग-दर्शन भी लें। बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी भी उपस्थित थे।