लखनऊ। लोक भारती सामाजिक संगठन द्वारा “गोमती संवाद- नदी हमारी, दायित्व हमारा” का आयोजन आर्किटेक्ट कॉलेज में किया गया। गोमती संवाद के माध्यम से गोमती संरक्षण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न सामाजिक संगठन, सरकारी विभाग, उद्योग एवं व्यापार स जुड़े संगठनों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकजुट करना हैं। लोक भारती संगठन विगत 14 वर्षों से गोमती पुनर्जीवन के लिए जन अभियान से जन जागरण करता रहा है। गोमती के उद्गम स्थल माधोटांडा पीलीभीत से लेकर गोमती के संगम तक गोमती यात्रा के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर जन समुदाय एवं सरकार के माध्यम से श्रमदान, स्वच्छता कार्यक्रम, प्राकृतिक कृषि, घाटों का सुंदरीकरण एवं गोमती को सदानीरा बनाने के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गोमती पुनर्जीवन के लिए समेकित रणनीति एवं परस्पर समन्वय स्थापित करने के लिए गोमती संवाद का आयोजन आर्किटेक्ट कॉलेज में किया गया।
गोमती संवाद कार्यक्रम में धार्मिक एवं सामाजिक संगठन, शैक्षणिक संस्थाएं, सरकारी विभाग, उद्योग एवं मीडिया जगत से जुड़े महानुभाव ने हिस्सा लिया। अलग अलग पैनल के माध्यम से गोमती संरक्षण से जुड़ी चर्चा की गई। सरकारी विभागों ने अपनी जिम्मेदारी तय करते हुए लखनऊ में मनरेगा के माध्यम से गोमती के किनारे स्थित 44 गांव में तालाब निर्माण एवं उनका पुनर्जीवन, सघन वृक्षारोपण, गोमती के किनारें प्राकृतिक कृषि को बढावा देना, गोमती में गिरने वाले नालों को पथांतरित (डायवर्शन) किया जाना शामिल हैं। उद्योग एवं व्यापार जगत से जुड़े विभिन्न संगठनों ने चर्चा की कि इसके बाद भी अलग से एक बैठक आयोजित करेंगे जिसमें विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले ठोस एवं तरल कचरा को निस्तारण करने की रणनीति बनाएंगे।
शहरी क्षेत्र में नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जल निगम आदि समन्वय स्थापित कर शहरी कचरा निस्तारण, घाट पर वृक्षारोपण, निरंतर स्वच्छता आदि पर चर्चा हुई। संवाद के दौरान लखनऊ शहर के विभिन्न शैक्षणिक संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना, NCC आदि से जुड़े प्रोफेसर एवं अधिकारियों के साथ युवाओं ने भी गोमती को बचाने के लिए विभिन्न सुझाव नुक्कड़ नाटक, वॉल पेंटिंग, पोस्टर प्रतियोगिता, ऑनलाइन जागरूकता के साथ स्वयंसेवकों के माध्यम से का कार्यक्रम चलाया जाए पर चर्चा की गई। उद्घाटन सत्र के दौरान हनुमंत धाम के महंत गोमती बाबा रामसेवक दास, मनकामेश्वर मंदिर के महंत दिव्या गिरि, आर्किटेक्ट कॉलेज प्राचार्य प्रो0 वंदना सहगल, लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल सिंह, सह संगठन मंत्री गोपाल उपाध्याय, बीबीएयू के प्रोफेसर वेंकटेश दत्ता , राष्ट्रीय सेवा योजना की विशेष कार्य अधिकारी एवं राज्य संपर्क अधिकारी डॉ0 मंजू सिंह ने चर्चा की। गोमती संवाद के उद्देश्य एवं परिचय के बारे में बताते हुए गोमती की भौगोलिक स्थिति पर कार्यक्रम की संयोजक शचि सिंह ने चर्चा की।
कार्यक्रम की सह संयोजक प्रो0 भारती पाण्डेय, लोक भारती के राष्ट्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण चौधरी एवं लोकभारती के नदी एवं जल संरक्षण प्रमुख कैप्टन सुभाष ओझा ने संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों का संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन अजीत कुशवाहा कार्यक्रम के सह संयोजक ने दिया। कार्यक्रम में सह संयोजक विधू शाने, लोक भारती के अध्यक्ष विजय बहादुर, संपर्क प्रमुख, सह संपर्क प्रमुख कुँवर नीरज सिंह, अंशुमालि शर्मा, आचार्य चंद्रभूषण तिवारी, कृष्णानंद राय, हृदेश बिहारी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं NCC के कैडेट व पर्यावरणविद उपस्थित रहे।