डॉ उमाशंकर मिश्रा
हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 24 अप्रैल 2023
दिन – सोमवार
विक्रम संवत – 2080 (गुजरात-2079)
शक संवत – 1945
अयन – उत्तरायण
ऋतु – ग्रीष्म ऋतु
मास – वैशाख
पक्ष – शुक्ल
तिथि – चतुर्थी सुबह 08:24 तक तत्पश्चात पंचमी
नक्षत्र – मृगशिरा 25 अप्रैल रात्रि 02:07 तक तत्पश्चात आर्द्रा
योग – शोभन सुबह 07:49 तक तत्पश्चात अतिगण्ड
राहुकाल – सुबह 07:49 से सुबह 09:25 तक
सूर्योदय – 06:14
सूर्यास्त – 18:59
दिशाशूल – पूर्व दिशा में,
व्रत पर्व विवरण –
विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)