जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। शास्त्र एवं वेदों में एकादशी व्रत को सर्वोत्तम माना गया है। कई धार्मिक ग्रंथों में यह भी वर्णित है कि जो भक्त एकादशी व्रत रखते हैं, उन्हें मृत्यु के उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत एक मई 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की उपासना करने से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं।
मोहिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 अप्रैल 2023 रात्रि 08 बजकर 28 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 01 मई 2023 को रात्रि 10 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, यह व्रत 1 मई 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग में व्रत पारण का समय 02 मई को सुबह 05 बजकर 40 मिनट से सुबह 08 बजकर 19 मिनट के बीच निर्धारित किया गया है।
मोहिनी एकादशी पर है भद्रा का साया
पंचांग में बताया गया है कि मोहिनी एकादशी व्रत के दिन भद्रा का साया रहेगा। इस दिन सुबह 09 बजकर 22 मिनट से रात्रि 10 बजकर 09 मिनट तक भद्राकाल रहेगा। वहीं इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05 बजकर 41 मिनट से शाम 05 बजकर 51 मिनट मिनट तक रहेगा।
मोहिनी एकादशी व्रत का महत्व
शास्त्रों में मोहिनी एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इसी दिन श्रीहरि ने असुरों का वध करने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। इसलिए एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और शत्रु पक्ष पर विजय प्राप्त होती है। साथ ही एकादशी व्रत रखने से घर-परिवार में सुख-शांति का आगमन होता है और साधक को धन, बुद्धि, ऐश्वर्य एवं विद्या की प्राप्ति होती है।
मोहिनी एकादशी व्रत के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि मोहिनी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाना चाहिए। साथ ही मां लक्ष्मी को लाल रंग का वस्त्र अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आर्थिक उन्नति आती है। एकादशी व्रत के दिन शाम के समय तुलसी पौधे के समक्ष शुद्ध देसी घी के दीपक जलाना चाहिए। साथ ही ‘ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्।’ इस मंत्र का जाप अवश्य करें और कम से कम 11 बार परिक्रमा करें। वैशाख मास में गर्मी बढ़ने लगती है। इसलिए मोहिनी एकादशी व्रत के दिन राहगीरों को जल दान करने से व पशु-पक्षियों को पानी पिलाने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, जूते-चप्पल, छाता इत्यादि दान करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
मोहिनी एकादशी व्रत के नियम
शास्त्रों में बताया गया है कि मोहिनी एकादशी व्रत के दिन गलती से भी पशु-पक्षियों को नहीं भगाना चाहिए। इसके बजाय उनके लिए खाना और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके साथ एकादशी व्रत के दिन घर आए किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा देकर ही घर से विदा करना चाहिए। इस विशेष दिन पर व्रती अपने मन में क्रोध या नकारात्मक विचार ना लाएं। साथ ही वह किसी से वाद-विवाद ना करें। इसके साथ बड़ों का आदर करें और उनकी सेवा करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।