जेल अफसरों के लिए भी मुसीबत था अनिल दुजाना

  • प्रशासनिक आधार पर कई जेलों से किया गया स्थानांतरित
  • नोएडा की गौतमबुद्धनगर की जेल से तीन साल पहले आया था अयोध्या

आर के यादव


लखनऊ। STF  के साथ मुठभेढ़ में ढेर किए गए खुंखार अपराधी अनिल दुजाना का प्रदेश की जेल अफसरों के लिए किसी मुसीबत से का नही था। दुजाना का जेलों में भी जलजला कायम था। प्रदेश की नोएडा की गौतमबुद्धनगर की रंगोली जेल से प्रशानिक आधार पर अयोध्या जेल भेजा गया था। करीब तीन साल तक अनिल दुजाना को मामले खत्म होने के बाद बीती चार अप्रैल को दिल्ली की मंडोली जेल स्थानांतरित कर दिया गया। जेलों की हाई सिक्योरिटी सेल में रहने वाले इस खुंखार अपराधी से अधिवक्ताओं के अलावा कोई मिलने तक नहीं आता था।
मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा की गौतमबुद्धनगर जेल में बंद अनिल दुजाना की हरकतों से जेल प्रशासन काफी आजिज आ चुका था।

आए दिन जेल अधिकारियों पर दबाव बनाकर मनमाफिक सुविधाएं लेने और सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराने पर धमकी देता था। इससे आजिज आकर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने जिलाधिकारी से मिलकर अनिल दुजाना को नोएडा जेल से अन्यत्र स्थानांतरित कराए जाने का आग्रह किया। जिला प्रशासन की संस्तुति पर शासन व जेल मुख्यालय ने 31 जुलाई 2022 को अनिल दुजाना को पश्चिम की नोएडा जेल से पूर्व की अयोध्या जेल पर स्थानांतरित कर दिया। इससे पूर्व अनिल दुजाना को प्रदेश की बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, एटा आगरा समेत कई जेलों से प्रशासनिक आधार पर अन्य जेलों में स्थानांतरित किया गया था।

करीब तीन साल तक वह अयोध्या जेल में रहा। सूत्रों का कहना है कि पश्चिम के इस खुंखार अपराधी अनिल दुजाना के अयोध्या जेल आने के बाद उसके मुलाकातियों की संख्या नहीं के बराबर हो गई। तीन साल के दौरान इससे यदि कोई मिलने भी आया तो वह सिर्फ अधिवक्ता ही रहे। बताया गया है कि मामले खत्म हो जाने के बाद बीती चार अप्रैल 2023 को जेल प्रशासन के अधिकारियों ने अनिल दुजाना को भारी सुरक्षा के साथ दिल्ली में पेशी पर शामिल होने के लिए मंडोली जेल के लिए रवाना कर दिया। सूत्रों का कहना है कि दुजाना जेल प्रशासन के अधिकारियों पर आए दिन किसी न किसी बात को लेकर दबाव बनाता रहता था। इससे जेल प्रशासन के अधिकारी भी आजित आ गए थे। अनिल दुजाना प्रदेश की जिस भी जेल में रहा वहां उसका आतंक रहता था। वह कई जेल अधिकारियों को धमकी भी दे चुका था। अनिल दुजाना की मौत की खबर से जेल प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

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