शाश्वत तिवारी
भारत और म्यांमार ने मंगलवार को रखाइन राज्य में सितवे बंदरगाह का उद्घाटन किया, जो द्विपक्षीय और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के साथ-साथ राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। सितवे बंदरगाह के चालू होने से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। बंदरगाह का स्थान इसे भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है, जिसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ संबंधों को मजबूत करना है।
केंद्रीय बंदरगाह नौवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और केंद्रीय परिवहन मंत्री उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे। दोनों मंत्रियों ने पहला भारतीय मालवाहक जहाज प्राप्त किया जिसे कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह से झंडी दिखाकर रवाना किया गया। मंत्रालय के अनुसार सितवे बंदरगाह को भारत सरकार से अनुदान सहायता के तहत वित्त पोषित कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद KMTTP के जलमार्ग और सड़क घटक सितवे बंदरगाह के माध्यम से भारत के पूर्वी तट को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ देंगे।
उद्घाटन समारोह के दौरान सोनोवाल ने भारत और म्यांमार, विशेष रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सितवे बंदरगाह जैसी विकासात्मक पहलों के माध्यम से म्यांमार के लोगों के विकास और समृद्धि के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया।