जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
आज के समय में विदेश में कार्य करना या फिर उच्चशिक्षा प्राप्त करना किसी के लिए भी एक बड़ा सपना होता है। ऐसे में अगर किसी को विदेश में कार्य करने या फिर विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिले तो वह गंवाना नहीं चाहता है। क्या आप जानते हैं कुंडली में स्थित कौन सा भाव विदेश यात्रा का माना जाता है और कुंडली के कौन से योग विदेश यात्रा की संभावना को बढ़ाते हैं। ज्योतिष के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में बनने वाले योग और हाथों की लकीरों पर बहुत हद तक निर्भर करता है कि व्यक्ति के जीवन में विदेश यात्रा का योग है या नहीं।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में भाग्य भाव का संबंध लंबी यात्राओं और उच्च शिक्षा से होता है। यदि कोई व्यक्ति विदेश जाने, विदेश में कार्य करने या फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाना चाहता है। तो उसकी कुंडली में लंबी दूरी की यात्रा का योग होना अनिवार्य होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में लंबी यात्रा का योग बनता है, उसके विदेश में जाकर कार्य और उच्च शिक्षा प्राप्त करने की संभावना प्रबल हो जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुडली में 7वां भाव भी बलवान होता है तो ऐसे लोगों के भी विदेश यात्रा संभव होती है। ये लोग व्यापार और नेतृत्व के बल पर विदेश में जाकर साझेदारों के साथ मिलकर नाम कमाते हैं। ऐसे लोगों की विदेश में बसने की संभावना भी रहती है।
हाथों में स्थिति लकीरों के हिसाब से भी जाना जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में विदेश यात्रा का योग है या नहीं। ज्योतिष के अनुसार किसी जब किसी व्यक्ति के हाथ जीवन रेखा से एक या उससे अधिक रेखाएं निकलकर चंद्र पर्वत पर जाएं तो ऐसे व्यक्ति के जीवन में विदेश यात्रा का योग बनता है। हस्तरेखा शास्त्र कहता है कि ये रेखाएं जितनी स्पष्ट और लंबी होती हैं व्यक्ति के विदेश जाने की संभावना उतनी ही अधिक प्रबल होती है। जिन लोगों का चंद्र पर्वत मजबूत होता है, उनके जीवन में भी विदेश यात्रा की संभावना बनती है।