कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अवैध पटाखा फैक्ट्री विस्फोट मामले के पीडितों के परिजनों से बुधवार को मुलाकात कर जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराये जाने की मांग की। अधिकारी ने आज घटनास्थ्ल का दौरा किया और पूरे मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए NIA जांच की मांग की। उल्लेखनीय है कि पूर्वी मिदनापुर जिले के एगरा में सहारा पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खादिकुल गांव में यह घटना हुई थी जिसमें कम से कम नौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि कई अस्पताल में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। शोक संतप्त परिवार के सदस्यों ने मुलाकात के दौरान अधिकारी से इस मामले को देखने की अपील की।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने अवैध कारखाने को पनपने देने के लिए स्थानीय पुलिस की भूमिका के बारे में अपना गुस्सा निकाला और आरोप लगाया कि पुलिस अपराधियों के साथ मिली हुई है। अधिकारी ने मुलाकात के दौरान ग्रामीणों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इस घटना की NIA जांच की मांग की। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है। नंदीग्राम के BJP विधायक ने इस घटना के लिए राज्य की पुलिस मंत्री और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने बताया कि उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील कर पहले ही विस्फोट की NIA जांच की अनुमति मांगी है और मांग की है कि राज्य सरकार को मुआवजे के रूप में 2.5 लाख रुपये के बजाय दस लाख रुपये देने होंगे। इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया था, कि खड़ीकुल गांव वह शापित जगह है, जहां कल हुए भीषण विस्फोट में लोगों के जले हुए शरीर के हिस्से यहां वहां बिखरे पड़े थे।
सुश्री बनर्जी की ओर से मंगलवार को दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री ममता बनर्जी प्रेस को संबोधित करते हुए एगरा में विस्फोट के बारे में बात कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस मामले पर उनकी अजीबोगरीब बात से तीन पहलू नजर आते हैं, पहला घटना स्थल ओडिशा सीमा के पास है। यह उसकी एकमात्र जिम्मेदारी नहीं है। दूसरा महीने भर पहले पंचायत चुनाव में तृणमूल ने बहुत हासिल किया था, लेकिन एक BJP और एक निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते थे। तीसरा अपराधी/आरोपी को पुलिस ने पहले गिरफ्तार किया था लेकिन अदालत ने उसे जमानत दे दी थी। साथ ही अगर वह (आरोपी) तृणमूल सदस्य है तो उसे क्यों गिरफ्तार किया गया?
अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मेरे तीन सवाल है। पहला चूँकि वह स्थान ओडिशा सीमा के पास है, क्या हमें नवीन पटनायक और ओडिशा पुलिस को को दोषी बताना चाहिए? क्या तथाकथित ओडिशा सीमा एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है? क्या कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीमा सुरक्षा बल को तैनात किया जाना चाहिए? दूसरा क्या मुख्यमंत्री यह कह रही हैं कि, यदि कोई पंचायत विपक्षी दलों या निर्दलीय द्वारा शासित होती है, तो कानून और व्यवस्था का कर्तव्य पंचायत पर है, न कि गृह विभाग पर? क्या उन्होंने विधानसभा में ऐसा कोई कानून पारित किया है?, तीसरा यदि अपराधी या अभियुक्त को पहले गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था, तो क्या मुख्यमंत्री इस घटना के लिए न्यायालय को जिम्मेदार ठहरा रही हैं? (वार्ता)