शाश्वत तिवारी
भारत-ट्यूनीशिया विदेश कार्यालय परामर्श (FOC) का 5वां दौर 17 मई को ट्यूनिस में आयोजित किया गया। विचार-विमर्श के दौरान दोनों पक्षों ने राजनीतिक, व्यापार और निवेश, विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण, संस्कृति, लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव सहित द्विपक्षीय संबंधों की पूरी श्रृंखला की व्यापक समीक्षा की। साथ ही संयुक्त आयोग की बैठक के अगले दौर के आयोजन पर चर्चा हुई। इससे पहले चौथा एफओसी 30 अप्रैल, 2021 को वर्चुअली आयोजित किया गया था।
दोनों पक्षों ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसमें लीबिया, सूडान की स्थिति, एमईएनए क्षेत्र में विकास, बहुपक्षीय मंचों में सहयोग आदि शामिल हैं। दौरे के दौरान, 2023-2026 की अवधि के लिए द्विपक्षीय ‘सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम’ पर भी हस्ताक्षर किए। डॉ. औसाफ सईद, सचिव (सीपीवी और ओआईए) ने मिशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत की। नीशिया में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि आज सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर हस्ताक्षर के साथ भारत ट्यूनीशिया संबंधों में एक और मील का पत्थर रखा गया है।
ट्यूनीशिया के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री हयेत गुरमाज़ी थिएटर, नृत्य, संगीत, प्रदर्शनियों, पुरातत्व, संग्रहालयों, साहित्य, त्योहारों आदि में सहयोग बढ़ा रही हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि इस यात्रा ने भारत और ट्यूनीशिया के बीच द्विपक्षीय मैत्रीपूर्ण संबंधों को और गति प्रदान की। साथ ही दोनों पक्ष भारत में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर विदेश कार्यालय परामर्श के अगले दौर के आयोजन पर सहमत हुए। गौरतलब है कि भारत और ट्यूनीशिया के बीच राजनयिक संबंध 1958 में स्थापित किए गए थे।