जिस जेल में कभी चलता था हुक्म वहीं कैदी बने हैं दो IAS ऑफिसर,

सेना की कब्जे वाली ज़मीन घोटाले के आरोपी हैं IAS छवि रंजन,

 शिक्षक नियुक्ति वाली फाइल गायब करने के आरोपी हैं IAS अनिल कुमार,


रंजन कुमार सिंह


रांची। जिस जेल प्रशासन पर कभी उनका हुकुम चलता था। उसी जेल में आज कैदी के रूप में बंद हैं झारखंड के दो IAS अधिकारी। यहां बात हो रही है जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने के आरोपी IAS अनिल कुमार की। छवि रंजन जहां रांची जेल में बंद हैं, वहीं अनिल कुमार साहेबगंज जेल में बंद हैं।

जिस जेल में निरीक्षण को जाते थे छवि रंजन आज वही है ठिकाना

छवि रंजन की कुछ दिन पहले तक तूती बोला करती थी। बिरसा मुंडा कारागार में जब छापेमारी के लिए पहुंचते थे, तो जेल अधीक्षक से लेकर एक सिपाही भी सहम जाता था। जेल में छापेमारी के दौरान जेल में बंद कैदी डर से अपनी सेल में जा बैठते थे। लेकिन आज छवि रंजन उसी जेल बंद हैं। गौरतलब है कि रांची के पूर्व डीसी निलंबित IAS छवि रंजन को ED ने बीते चार मई को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने छवि रंजन को दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था। जिसके बाद देर रात छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया। छवि रंजन रांची के डीसी थे, तब उनके कार्यकाल में बड़े पैमाने पर फर्जी कागजों के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री की गई, इनमें सबसे प्रमुख बरियातू स्थित सेना की जमीन थी। बरियातू में सेना की 4।55 एकड़ जमीन को फर्जी कागजात के जरिए कोलकाता के प्रदीप बागची ने जगत बंधु टी एस्टेट को बेच दी थी। इस दौरान छवि रंजन के परिजनों के खातों में बड़े ट्रांजेक्शन और लाभान्वित होने के सबूत ED को मिले हैं।

जहां कभी हुकुम चलता था, उसी जेल में है बंद अनिल कुमार

शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने के मामले में IAS अनिल कुमार साहेबगंज जेल में बंद हैं। बतौर अधीक्षक (सुपरिटेंडेंट) वे नवंबर 2009 से अक्टूबर 10 तक साहेबगंज मंडल कारा के प्रभार में भी रहे हैं। जिस जेल में कभी उनका आदेश चलता था, उसी जेल में आज वे एक बंदी के रूप में हैं। पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का नाम शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की फाइल गायब करने में आया था। साल 2014 में साहिबगंज जिले के जिरवाबाड़ी ओपी में इससे संबंधित मामला दर्ज हुआ था। इधर छवि रंजन ने जेल में पत्‍नी व बच्‍ची से मिलने की मांगी अनुमति, छवि रंजन की ओर से याचिका दाखिल कर कहा गया था कि सप्ताह में दो दिन उन्हें अपनी पत्नी और बच्चे से मिलने की अनुमति प्रदान की जाए। कानूनी सलाह के लिए उनके अधिवक्ता को भी दो दिन मुलाकात करने की अनुमति मिले। ED की ओर से अधिवक्ता शिवकुमार काका ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जेल मैनुअल के हिसाब से ही छवि रंजन को सुविधा मिलनी चाहिए। उनको कोई विशेष सुविधा नहीं की जा सकती है। जिस पर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

 

अनिल कुमार का क्या है पूरा मामला

पलामू के पूर्व बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार का 2012-2014 में साहिबगंज में डीएसओ (जिला आपूर्ति पदाधिकारी) के पद पर कार्यरत थे। इसके साथ ही पंचायती राज पदाधिकारी के प्रभार में थे। शिक्षक गड़बड़ी मामला में जांच कमिटि बनी थी, जिसमें अनिल कुमार अध्यक्ष थे। जांच में शिक्षक नियुक्ति मामले में संचिका गायब करने का आरोप लगा था। पिछले साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति मिली थी। इस दौरान 2014 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की के कार्यकाल में फिर से गायब संचिका की शिकायत की गयी थी। इसके बाद फिर से पुरानी फाइल की खोजबीन शुरू की गयी लेकिन गायब फाइल नहीं मिली। संचिका नहीं मिलने पर तत्कालीन डीईओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानन महतो, दिलीप कुमार पांडेय, राहुल आनंद सिंह के साथ साथ आरईओ सतीश चंद्र सिंकू के विरुद्ध जिरवाबाड़ी ओपी में मामला दर्ज कराया। इस मामले की जांच में ये बात सामने आयी थी कि अनिल कुमार जांच के क्रम में उक्त फाइल को ले गए थे। इसका खुलासा होने के बाद अनिल कुमार के अलावा पूर्व डीईओ सुशील कुमार राय को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया।

हाई कोर्ट में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद किया सरेंडर

साहिबगंज कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अनिल कुमार जमानत के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे। झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी। लेकिन वहां से याचिका खारिज होने के बाद मंगलवार को IAS अनिल कुमार ने साहिबगंज कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने के बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत खारिज करने के बाद अनिल कुमार को जेल भेज दिया। तत्कालीन साहिबगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने बोरियो (जी) थाना कांड संख्या 361/2014 में सुशील कुमार राय तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी साहिबगंज सहित अन्य के खिलाफ भादवि की धारा 468, 471, 409, 420, 120 बी के अंतर्गत प्राथमिक दर्ज कराए हैं। गायब संचिका मामले में दिलीप कुमार पांडे लिपिक की सेवा समाप्ति के बाबत डब्लू पी (एस) 2669/2003 से संबंधित आदेश का कापी संलग्न था। इसके बाद अभियुक्तों के स्पष्टीकरण से आरोपी के द्वारा संचिका गायब करने की बात सामने आई थी। अभियुक्त का झारखंड उच्च न्यायालय के अग्रिम जमानत आवेदन 927/2022 दिनांक 5/5/2023 खारिज होने के बाद, मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय साहिबगंज में आत्मसमर्पण किया। आगे की कार्रवाई के लिए एक पखवारे की तिथि निर्धारित की गई है। आरोपी की ओर से वरीय अधिवक्ता विजय करण और लाल बाबू यादव ने पैरवी कर रहे हैं।

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