- हुआ प्रचलन से बाहर
- कैश जमा करने का प्रावधान
यह महज इत्तेफाक है,कि 8 मई 2016 को आठ बजे रात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब एक हजार और पांचसौ के नोट 12बजे रात से बंद होजाएंगे,की घोषणा करते हुए कहा अब ये दोतरह के नोट महज कागज का टुकड़ा होजाएंगे। उस समय मैं दिल्ली मे पत्नी का इलाज कराने आया था। 9 को डायलिसिस करानी थी…सारे लोग विचलित होगए। दूसरे दिन एटीएम पर भीड़ लग गई…सर्वत्र त्राहि त्राहि मची हुई थी…हर घंटे सूचनाएं प्रसारित होने लगीं…बैंको पर महीनों तक भीड़ खत्म होने का नाम नहीं लेरहा था। रात दो बजे मेरे सुपुत्र एक दोहजार का एक नोट लेकर आए।एक सूचना ने पूरा देश अस्थिर कर दिया। न संसद मे बहस हुई न पहले से कोई निर्णायक सूचना। आरबीआई के बजाय पीएम ने नोटबंदी करदी।
जबकि हर नोट पर आरबीआई गवर्नर का हस्ताक्षर होता है,मैं धारक को इस #मूल्यकेभुगतानकियेजानेकाधारककोवचनदेताहूं म़ै हैरान था ऐसा कैसे होसकता है? मुझे इतिहास मे एक राजा की याद आई जिसने दिल्ली से दौलताबाद की राजधानी बदली थी। चमड़े का सिक्का चलाया था। उसके बाद कितनी बार लोगो के कैश बदलने के नियमों को बदलते रहे। तुर्रा यह था कि कालाधन वापस लाना है। उस समय बात कोर्ट मे भी गई…एक जज ने अपनी पुस्तक में इसे असंवैधानिक भी बताया है। 19मई, 2023 को रात रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने 2000 के नोटो के प्रचलन समाप्त किए जाने की घोषणा की। 23 मई से बीस हजार तक के कैश बदले जाएंगे और अपने खाते मे लौग घरो मे रखे कैश जमा करा सकेंगे,बशर्ते केवाईसी होचुका हो। इसकी अंतिम सीमा 30सितंबर,2023 है।
इस समय भी मै दिल्ली मे हूं। प्रधान मंत्री जी दोपहर मे छ: दिनो की विदेश यात्रा पर है। बहसें जब तक ठंढी होंगी वे वापस आजाएंगे। बताया जारहा है कि इस बार 2018 से ही 2000के नये नोट छापना बंद कर दिया गया था। प्रचलन से बाहर अब किया गया है। लोगो को पैसे जमा करने और बदलने के आप्सन दे दिए गए हैं। वैसे इस बीच डिजिटल लेन- देन काफी बढ़ चुका है। महज सात साल मे दोहजार की नोट ने दम तोड़ दिया।उम्मीद है इस बार लोग उतने परेशान न होंगें।