जेल विभाग के तबादलों में जमकर पक्षपात!

  • एक वर्ग विशेष के लोगों को पश्चिम के बजाय भेजा गया पूर्वांचल
  • बांदा जेल से जेलर हटा, किसी को नहीं किया तैनात

आर के यादव


लखनऊ। जेल विभाग के एक दर्जन तबदलों में न तो मंत्रियों की चली और न ही सिफारिशों का दौर दिखाई पड़ा। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। तबादलों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि तबादलों में संवेदनशील जेलों से अधिकारी हटा तो दिए गए किंतु तैनात किसी को नहीं किया गया। कुछ चहेते अधिकारियों को ड्यूटी वाली जेलों पर ही समायोजित कर दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश की अति संवेदनशील जेलों में शामिल बांदा जेल पर पिछले दिनों राजधानी की आदर्श कारागार से जेलर केपी चंदीला को दो माह के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था। अभी दो माह हुए भी नहीं कि उन्हें हटाकर हमीरपुर जेल भेज दिया गया। बांदा जेल पर किसी को तैनात नहीं किया गया। इसी प्रकार सोनभद्र से कासगंज ड्यूटी पर लगाए गए सुरेश कुमार को कासगंज जेल पर ही समायोजित कर दिया गया। कन्नौज से बरेली ड्यूटी पर लगाए गए प्रदीप कुमार को बरेली में समायोजित करने के बजाए उरई स्थानांतरित कर दिया गया।

सूत्रों का कहना है कि डिप्टी जेलर से जेलर संवर्ग में प्रमोशन पाए अधिकारियों को छह माह से अधिक का समय बीत चुका है। प्रमोशन पाए कई अधिकारियों को पहले ही कमाऊ जेलों पर तैनात किया जा चुका है। इसमें इटावा जिला जेल में तैनात डिप्टी जेलर जितेंद्र कश्यप को जेलर बनते ही बागपत जेल और अंबेडकर नगर जिला जेल पर तैनात राजेश कुमार को प्रोन्नति के बाद कानपुर नगर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। बताया गया है कि यह तो बानगी भर है। तबादलों में प्रदेश की कमाऊ कही जाने वाली गाजियाबाद जेल से जेलर तो हटा दिया गया लेकिन वहां किसी को तैनात नहीं किया गया। उधर इस संबंध में जब जेलमंत्री से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने कई प्रयासों के बाद भी फोन नहीं उठाया।

कमाऊ जेलों के लिए हो गई सेटिंग गेटिंग!

प्रदेश कारागार विभाग के शुक्रवार को किए गए एक दर्जन अधिकारियों के तबादलों में पूर्वांचल के जेलों को तरजीह दी गई। प्रोन्नति पाए अधीक्षक और जेलर में किसी भी अधिकारी को पश्चिम की जेल पर तैनात नहीं किया गया। ऐसा तब कि गया जब प्रदेश की कमाऊ कही जाने वाली गाजियाबाद, अलीगढ़, गौतमबुद्धनगर (नोएडा )जेल में जेलर के पद रिक्त पड़े हुए है। चर्चा है कि जेलों की धनाड्य अधिकारियों ने पहले की बुकिंग करा रखी है। यही वजह है कि शासन ने तबादलों में इन जेलों को अभी तक खाली रखा गया है। बताया गया है कि स्थानांतरण नीति के आने के बाद इन जेलों पर चहेते अधिकारियों को तैनात सेटिंग गेटिंग होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उधर जब इस संबंध में प्रमुख सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।

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