- राजनीतिक, आर्थिक, मनोरंजन और खेल मामलों के बड़े जानकार भी थे
- राजबहादुर बनना आसान नहीं: प्रेमकांत तिवारी
लखनऊ। राज बहादुर उम्र में मुझसे छोटे थे। परन्तु, मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि पत्रकारिता में वो मुझसे मीलों आगे थे। अपनी खबरों, विश्लेषण के खरेपन के साथ ही राजबहादुर निश्चित रूप से बेहद दिलेर और जांबाज पत्रकार थे। मैं यह चाहूंगा कि वर्तमान पीढ़ी के पत्रकारों को राज बहादुर का अंदाज जितना संभव हो अपनाना चाहिए, परन्तु, किसी को उनसे अपनी तुलना नहीं करना चाहिए। दूसरा कोई राजबहादुर नहीं हो सकता।
उपरोक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह ने पत्रकार राज बहकदूर सिंह के निधन पर राजधानी लखनऊ स्थित यूपी प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहीं। एक और वरिष्ठ पत्रकार प्रेमकांत तिवारी ने भी कहा कि राजबहादुर बनना आसान नहीं। वरिष्ठ पत्रकार राज बहादुर का विगत पहली जून को SGPGI में निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण डॉक्टर्स ने मल्टी ऑर्गन फेल्योर को बताया। राजबहादुर अपने पीछे पत्नी और दो युवा पुत्रों को छोड़ गए।
श्रद्धांजलि शोक सभा में वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र शर्मा, अजय कुमार, हसीब सिद्दीकी, रवींद्र सिंह, प्रमोद गोस्वामी, शरत प्रधान, राकेश पाण्डेय, राजीव बाजपेई, मुदित माथुर, शिव शरण सिंह तथा वर्तमान पत्रकार देवराज सिंह,मनोज मिश्रा, मुकुल मिश्रा, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, भारत सिंह…सहित राजधानी के लगभग सभी वरिष्ठ एवं समकालीन पत्रकार शामिल हुए। इनमे से ढेर सारे पत्रकारों ने उन्हें शब्दों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। राजबहादुर सिंह के राजनीतिक मित्र एवं पूर्व मंत्री ओपी सिंह ने भी शोक्सभा में शामिल होकर संवेदनाएं प्रकट कीं।