नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम को रंगबिरंगे मोतियों की एक सुंदर माला बताते हुए आज कहा कि यह लोगों में सामूहिकता, कर्त्तव्यपरायणता एवं सेवा भाव भरके भारत की सामूहिक शक्ति का जागरण कर रहा है। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 102वें संस्करण में कहा कि ‘मन की बात’ रंग-बिरंगे मोतियों से सजी एक सुंदर माला है जिसका हर मोती अपने आपमें अनूठा और अनमोल है। इस कार्यक्रम का हर अंक बहुत ही जीवंत होता है। हमें सामूहिकता की भावना के साथ-साथ समाज के प्रति कर्तव्य-भाव और सेवा-भाव से भरता है। यहां उन विषयों पर खुलकर चर्चा होती है, जिनके बारे में, हमें, आमतौर पर कम ही पढ़ने–सुनने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि हम अक्सर देखते हैं कि ‘मन की बात’ में किसी विषय का जिक्र होने के बाद कैसे अनेकों देशवासियों को नई प्रेरणा मिली। हाल ही में उन्हें देश की प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना आनंदा शंकर जयंत का एक पत्र मिला। अपने पत्र में उन्होंने ‘मन की बात’ के उस अंक के बारे में लिखा है, जिसमें हमने स्टोरी टेलिंग यानी कथा वाचन के बारे में चर्चा की थी। उस कार्यक्रम में हमने इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की प्रतिभा को स्वीकार किया था। ‘मन की बात’ के उस कार्यक्रम से प्रेरित होकर आनंदा शंकर जयंत ने ‘कुट्टी कहानी’ तैयार की है। यह बच्चों के लिए अलग-अलग भाषाओं की कहानियों का एक बेहतरीन संग्रह है। यह प्रयास इसलिए भी बहुत अच्छा है, क्योंकि इससे हमारे बच्चों का अपनी संस्कृति से लगाव और गहरा होता है। उन्होंने इन कहानियों के कुछ दिलचस्प वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किए हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने, आनंदा शंकर जयंत के इस प्रयास की विशेषतौर पर इसलिए चर्चा की, क्योंकि ये देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि कैसे देशवासियों के अच्छे काम, दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। इससे सीखकर वे भी अपने हुनर से देश और समाज के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश करते हैं। यही तो हम भारतवासियों का वो सामूहिक शक्ति है, जो देश की प्रगति में नई शक्ति भर रही है। मोदी ने लोगों से आग्रह किया कि बारिश के समय वे अपने स्वास्थ्य का खूब ध्यान रखें। संतुलित खायें और स्वस्थ रहें। योग जरुर करें। उन्होंने कहा कि अब कई स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ भी खत्म होने को है। मैं बच्चों से भी कहूंगा कि होमवर्क आखिरी दिन के लिए ना छोड़ें। काम खत्म करिए और निश्चिंत रहिए।