- केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी ने पहले सत्र को संबोधित किया
- रेड्डी ने भारतीय क्रूज उद्योग की विशाल विकास क्षमता पर प्रकाश डाला
पणजी । पर्यटन मंत्रिस्तरीय बैठक के साथ-साथ अंतिम G-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक सोमवार को गोवा में शुरू हुई। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री किशन रेड्डी ने “क्रूज पर्यटन को सतत और जिम्मेदार यात्रा के लिए एक मॉडल बनाना’’ विषय पर आयोजित पहले सत्र को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारतीय क्रूज उद्योग की विशाल विकास क्षमता पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम के दौरान क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। अपने संबोधन के दौरान रेड्डी ने कहा कि भारतीय क्रूज उद्योग में अपार विकास संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि 7500 किलोमीटर की तटरेखा और एक विशाल नदी प्रणाली के साथ भारत संभावित क्रूज पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां इसके कई बेहतरीन पर्यटन स्थलों को अभी तक दुनिया के सामने प्रकट नहीं किया गया है। रेड्डी ने कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके जहाजों के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने 2050 तक शुद्ध शून्य कार्बन परिभ्रमण के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए अपने विचार साझा किए। रेड्डी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्यटन में प्लास्टिक की एक सर्कुलर अर्थव्यस्था की ओर भारत सरकार बहुत अधिक जोर दे रही है और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता दे रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के पास दुनिया में हरित ऊर्जा की चौथी सबसे बड़ी क्षमता, चौथी सबसे बड़ी पवन ऊर्जा क्षमता और 5वीं सबसे बड़ी सौर स्थापित क्षमता है। इससे पहले बैठक में हिस्सा लेने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों का गोवा पहुंचने पर पारंपरिक स्वागत किया गया। पर्यटन कार्य समूह की बैठक के दौरान G-20 सदस्य देशों, केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभिन्न राज्य सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में क्रूज टूरिज्म, ग्लोबल टूरिज्म प्लास्टिक इनिशिएटिव और पब्लिक प्राइवेट सेक्टर की महत्वपूर्ण पहलें शामिल हैं।
गोवा में चौथी पर्यटन कार्य समूह की बैठक 19 से 20 जून तक जबकि पर्यटन मंत्रियों की बैठक 21 से 22 जून तक आयोजित होगी। 20 जून यानी मंगलवार को मुख्य कार्यक्रम से अलग राष्ट्रीय स्तर का एक अलग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जो देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए स्थिरता के सिद्धांत की विभिन्न चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए ‘भारत को क्रूज पर्यटन का केंद्र बनाना’ विषय पर केंद्रित होगा। क्रूज पर्यटन (तटीय, द्वीप, क्षेत्रीय और नौकायन) के कई पहलू, तटीय राज्यों के दृष्टिकोण, अंतर्देशीय जलमार्गों में निजी और सार्वजनिक हितधारक, नदी के किनारे के राज्यों पर दृष्टिकोण इस आयोजन के दौरान चर्चा के प्रमुख क्षेत्र होंगे।
वहीं 21 जून को गोवा में पर्यटन मंत्रालय द्वारा वैश्विक यात्रा और पर्यटन परिषद और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन के सहयोग से एक’ सार्वजनिक निजी संवाद: G-20 अर्थव्यवस्थाओं के लिए यात्रा और पर्यटन का महत्व’ का भी आयोजन किया जाएगा। जबकि 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर गोवा सरकार द्वारा एक विशेष योग सत्र आयोजित किया जा रहा है। ये सत्र G-20 के तमाम पर्यटन मंत्रियों और प्रतिनिधियों को योग का एक आकर्षक अनुभव प्रदान करेगा। गोवा में G-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक और पर्यटन मंत्रिस्तरीय बैठक का उद्देश्य आर्थिक विकास को मजबूत करना, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और क्षेत्र के सतत विकास को बढ़ावा देना है। गुजरात के कच्छ के रण में पहले पर्यटन कार्य समूह की बैठक आयोजित हुई थी जबकि दूसरी बैठक सिलीगुड़ी में और तीसरी पर्यटन कार्य समूह की बैठक श्रीनगर में आयोजित हुई थी।