उमेश तिवारी
नई दिल्ली। पड़ोसी देश भूटान ने टूरिज्मे बढ़ाने के लिए कई बड़े बदलाव किए हैं। नई योजना के तहत भूटान सरकार अपने टूरिज्म को चार गुना तक बढ़ाने की तैयारी में है। हालांकि इन सबके बीच भूटान की योजना से भारत सरकार को आर्थिक रूप से नुकसान हो सकता है। अबतक भूटान में आने वाले टूरिस्टन भारतीय करेंसी के अलावा डॉलर में पेमेंट करते हैं। भूटान सरकार की नई टूरिज्मच पॉलिसी में डॉलर में पेमेंट करने वालों को प्रोत्सा हन देने का ऐलान किया गया है। भूटान यात्रा के दौरान भारतीय करेंसी में पेमेंट करने वालों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। भूटना सरकार चाहती है कि केवल अमीर टूरिस्ट ही उनके देश की यात्रा करें। कोरोना महामारी से पहले तक सस्टेानेबल डेवलप्में ट फीस एक रात के लिए प्रति सैलानी 65 डॉलर थे। इसे अब बढ़ाकर 200 डॉलर कर दिया गया है। कोरोना महामारी के चलते दो साल तक विदेशी टूरिस्ट6 के प्रवेश को भूटान में बैन कर दिया गया था। बीते साल सितंबर में ही इस बैन को हटा दिया गया था। अब भूटान की कोशिश है कि वो अपने देश में टूरिज्मर में इजाफा करें। भूटान में अब माउंटेन क्लारइंबिंग को भी बैन कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि पर्वतों को साफ रखा जा सके।
लंबे समय तक रुकने वाले टूरिस्टइ चाहता है भूटान
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स (News Agency Reuters) ने भूटान के आधिकारियों के हवाले से यह भी जानकारी दी है कि चार दिन तक इस देश में यात्रा के लिए फीस देने वाले सैलानियों को अतिरिक्ता चार दिन रुकने की इजाजत दी जाएगी। इसी तर्ज पर 12 दिन की फीस देने पर एक महीना भूटान में रुकने की अनुमति होगी। भूटान टूरिज्म के डायरेक्टेर जनरल दोरजी ध्रधुल ने कहा, ‘ज्याकदा से ज्याबदा टूरिस्टर अगर लंबे वक्त तक रहेंगे तो इससे काफी कमाई होगी, जिससे अर्थव्यधवस्थाट को फायदा होगा।
डॉलर पेमेंट पर होगा फायदा
बताया गया कि यह प्रोत्साहन केवल उन टूरिस्ट के दिया जाएगा जो डॉलर में पेमेंट करेंगे। उन टूरिस्टय पर यह लागू नहीं होगा जो भारतीय करेंसी रुपये में पेमेंट करेंगे। इसका सीधा मतलब यह है कि भारत को इससे कोई फायदा नहीं होगा। बताया गया कि मौजूदा वक्त में भूटान की अर्थव्ययवस्थो में टूरिज्मइ की भूमिका पांच प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक यानी चार गुना करने का लक्ष्यू रखा गया है। भूटान की अर्थव्यिवस्था तीन बिलियन डॉलर की है। भूटान घूमने के लिए जाने वाले अधिकांश टूरिस्टा भारत से ही होते हैं। जो कम बजट के साथ सीमित दिनों के लिए प्लालन बनाकर भूटान की यात्रा के लिए जाते हैं। साल 2023 में अबतक 47 हजार लोगों ने भूटान को टूरिस्टा डेस्टिनेशन के रूप में चुना है। भूटान सरकार का लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक 86 हजार सैलानियों को देश में बुलाने का है।