लखनऊ। भारतीय- नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे के तत्वावधान में सोमवार की देर सायं अन्तर्राष्ट्रीय डिजिटल कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ, जिसकी मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. विद्याबिन्दु सिंह रहीं और संचालन सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने योग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा वर्तमान इक्कीसवीं सदी में भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ और तनाव मुक्त करने में योगासन, प्राणायाम और ध्यान अतिआवश्यक है। भारतीय योग परंपरा ने समूचे विश्व का ध्यान आकृष्ट किया है। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप मे सारा विश्व मना रहा है। जिसमे हर वर्ग ,हर देश और हर समुदाय के लोग शामिल हैं। इस अवसर पर काव्यपाठ के द्वारा कवियों ने अपनी भावाभिव्यक्ति की।
भारत से काव्य पाठ करने वालों में पद्मश्री डॉ. विद्याबिन्दु सिंह एवं डॉ. सुषमा सौम्या लखनऊ, डॉ. कुँवर वीर सिंह मार्तण्ड कोलकाता, एस. एस. पराशर, डॉ. एस. एस. अवस्थी, एवं बबिता यादव दिल्ली, डॉ. अर्जुन पाण्डेय अमेठी और डॉ. ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी संत कबीर नगर थे। जब कि विदेश से काव्यपाठ करने वालों में डॉ. राम बाबू गौतम अमेरिका, सुरेश पाण्डेय स्वीडेन एवं सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ नार्वे थे।