भगवान की बनाई दुनिया नियमों के आधार पर ही चलती है, नियम से अलग जाना अच्छा नहीं है। इसी तरह भगवान की पूजा के भी कुछ नियम होते हैं अगर इनका पालन न किया जाए तो पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए बताते हैं कि पूजा के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करना चाहिए।
ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र
पूजा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है बल्कि भगवान पूजा करने से प्रसन्न होते हैं और हमारी इच्छाओं को पूरा करते हैं। कई बार हम पूजा तो बहुत करते हैं, लेकिन तब भी कोई लाभ नहीं मिलता है, चूंकि गलत तरीके से पूजा करने पर दोष लगता है। वास्तु के अनुसार पूजा के कुछ नियम होते हैं, अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो हमारी पूजा का फल अधूरा रह जाता है। आइए जानते हैं कि पूजा के वक्त किन नियमों का पालन करना चाहिए।
पूजा के फूल
फूल भगवान की पसंदीदा चीज होती है और पूजा में ये बहुत अहमियत रखते हैं। कुछ फूल ऐसे होते हैं जो किसी देव या देवी विशेष को अप्रिय हैं, ऐसे भगवानों को उनकी पसंद ध्यान में रखकर फूल चढ़ाना चाहिए। जैसे दुर्गा मां को लाल और भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाए जाते हैं। इस बात का भी ख्याल रखें कि बासे फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप पूजा में बासे फूल चढ़ाते हैं, तो ऐसा करना बंद कर दें। हमेशा खिले हुए फूल ही चढ़ाना चाहिए।
दीपक और कलश की दिशा
पूजा करते वक्त कलश या जल के लोटे को ईशान कोण (East-West Side) में रखना चाहिए और कलश को आग्नेय कोण (South East) में रखना शुभ माना जाता है। दीपक और कलश को एक-दूसरे से दूर रखना चाहिए।
आसन पर बैठकर ही करें
पूजा करते वक्त हमेशा आसन पर बैठना चाहिए, बगैर आसन पर बैठे पूजा करने का फल नहीं मिलता है। आसन का रंग भी अपनी राशि के हिसाब से रखना अच्छा माना जाता है।
शुद्ध मन से करें
पूजा का फल तब ही मिलता है जब हम बिना किसी स्वार्थ के करें, पूजा करते वक्त हमारा मन शुद्ध होना चाहिए। उसके वक्त कोई भी बुरे विचार न आएं, मन लगाकर भगवान का ध्यान करना चाहिए।
दूसरों से न करें बखान
अगर आप पूजा करते हैं, तो अच्छी बात है लेकिन पूजा का दिखावा करना कतही सही नहीं है। पूजा को लेकर अभिमान भरी बातें दूसरों से करना जैसे- आपने कैसी पूजा की, इसमें कितना खर्च आया ऐसी बातें अच्छी नहीं हैं।