डॉ दिलीप अग्निहोत्री
वाराणसी। हल्दिया नैशनल वॉटर-वे एक देश का पहला इनलैंड वॉटरवे टर्मिनल है। इस टर्मिनल के माध्यम से काशी कोलकाता के हल्दिया के बीच माल ढुलाई सम्भव हुई है। इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने काशी के औद्योगिक क्षेत्र करखियावं में मैंगो एवं वेजीटेबल इण्टीग्रेटेड पैक हाउस का लोकार्पण किया था। योगी आदित्यनाथ काशी में एकीकृत पैक हाउस से निर्यात किए जाने वाले आम और हरी सब्जियों के कंटेनर्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से जनपद वाराणसी सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान कार्गो की सुविधा का लाभ कम दाम में प्राप्त कर रहे हैं।
कृषि उत्पादों के निर्यात हेतु प्रदेश सरकार द्वारा पंद्रह रुपये प्रति किलो की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। एपीडा और प्रदेश सरकार के प्रयासों से आज हमारे कृषि उत्पाद वैश्विक बाजार में स्थान प्राप्त कर रहे हैं। इनलैण्ड वॉटर-वे का उपयोग खाद्य पदार्थों के निर्यात में किया जा रहा है। विगत करीब चार वर्षों में प्रदेश से खाद्यान्न, सब्जी व फलों के एक्सपोर्ट में चार सौ गुना की वृद्धि हुई है। आज उत्तर प्रदेश उन्नीस हजार करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात कर रहा है। उत्तर प्रदेश से ताजी सब्जी का निर्यात नई दिल्ली के रास्ते वाराणसी से लंदन तक हुआ है।
बनारसी लंगड़ा आम का निर्यात लंदन व दुबई को हो रहा है। चंदौली के काला नमक चावल का निर्यात ऑस्ट्रेलिया को तथा वाराणसी के क्षेत्रीय चावल का निर्यात कतर को किया जा रहा है। भदोही, मिर्जापुर, बलिया, प्रयागराज व लखनऊ से सब्जी का तथा अमरोहा, मेरठ, आजमगढ़, बलरामपुर, सहारनपुर से आम का निर्यात किया जा रहा है। फर्रुखाबाद व आगरा से आलू का, बागपत से शहद का निर्यात किया जा रहा है। कानपुर क्षेत्र से जामुन का निर्यात लंदन व दुबई को हो रहा है। लखनऊ व लखीमपुर खीरी से केला ईरान को भेजा जा रहा है। हाथरस से भैंस के दूध का मक्खन न्यूजीलैण्ड को निर्यात किया जा रहा है। सिद्धार्थनगर से काला नमक चावल, बिजनौर से गुड़, कानपुर से मूंगफली का निर्यात लगातार बढ़ रहा है।