शाश्वत तिवारी
भारत और पाकिस्तान ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से अपने-अपने देश में हिरासत में रह रहे नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची का आदान-प्रदान किया। कॉन्सुलर एक्सेस पर 2008 के समझौते के प्रावधानों के तहत दोनों देश ऐसी सूचियों का आदान-प्रदान हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को करते हैं। भारत ने अपनी हिरासत में 343 नागरिक कैदियों और 74 मछुआरों की सूची साझा की है, जो पाकिस्तानी हैं या पाकिस्तानी माने जाते हैं। इसी तरह पाकिस्तान ने अपनी हिरासत में 42 नागरिक कैदियों और 266 मछुआरों की सूची साझा की है, जो भारतीय हैं या पाकिस्तानी माने जाते हैं। विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों और मछुआरों को उनकी नौकाओं सहित शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी का आह्वान किया है।
गौरतलब है की पाकिस्तान को 254 भारतीय मछुआरों और चार भारतीय नागरिक कैदियों की रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने के लिए कहा गया था, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है। इसके अलावा पाकिस्तान को शेष 12 मछुआरों और 14 नागरिकों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा गया है। पाकिस्तान की हिरासत में कैदी जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं। भारत एक-दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों को प्राथमिकता के आधार पर संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान से मछुआरों सहित 62 पाकिस्तानी कैदियों की राष्ट्रीयता स्थिति की पुष्टि करने के लिए अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई में तेजी लाने का आग्रह किया है, जिनकी स्वदेश वापसी पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि के अभाव में लंबित है।
बता दें कि साल 2014 के बाद से सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2,559 भारतीय मछुआरों और 63 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक इसमें 398 भारतीय मछुआरे और 05 भारतीय नागरिक कैदी शामिल हैं जिन्हें इस साल अब तक पाकिस्तान से वापस लाया गया था।