आज़मगढ़ और बाराबंकी जेल के निलंबित अफसरों को कमाऊ जेल
शासन और जेल मुख्यालय में बैठे आला अफसरों का कारनामा
आरके यादव
लखनऊ। शासन और जेल मुख्यालय के अफसरों ने आजमगढ़ के दोषी अधिकारियों को प्राइज पोस्टिंग दे दी। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन कारागार विभाग की तबादला सूची इस सच की पुष्टिï करती नजर आ रही है। निलंबन के बाद बहाल होकर जेल प्रशिक्षण संस्थान में अटैच रहे इन अधिकारियों को अच्छी जेलों पर तैनात कर दिया गया। इसके अलावा जेलमंत्री के बाराबंकी निरीक्षण के दौरान अनियमिताओं के लिए निलंबित किए गए डिप्टी जेलर को जिला जेल लखनऊ स्थानांतरित कर तोहफा दे दिया गया। यही नहीं एक अन्य जेलर को ऐसी जेल पर स्थानांतरित कर दिया गया जो जेल अभी बजूद में ही नहीं है। यह मामले विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बने हुए है।
मिली जानकारी के मुताबिक 26 जुलाई 2022 को जिला प्रशासन आजमगढ़ के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने दलबल के साथ इटौरा स्थित जिला जेल में छापा मारकर सघन तलाशी अभियान चलाया था। इस अभियान में जिला प्रशासन के अधिकारियों को 97 पुड़िया गांजा और एक दर्जन मोबाइल फोन और चार्जर बरामद हुए थे। इस बरामदगी से शासन और जेल प्रशासन के अधिकारियों मे हड़कंप मच गया। आनन-फानन में हरकत में आए शासन व जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने जेल अधीक्षक विनोद कुमार, जेलर रवींद्र कुमार और डिप्टी जेलर श्रीधर यादव को निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि के दौरान अधीक्षक विनोद कुमार को जेल प्रशिक्षण संस्थान से सम्बद्ध कर दिया गया।
सूत्रों का कहना है कि निलंबन के बाद बहाल हुए अधीक्षक विनोद कुमार को चार दिन पहले शासन ने पहले जिला जेल बरेली तैनात किया लेकिन जिला जेल के वजूद में नहीें होने का मामला सुर्खियों में आने के बाद आनन-फानन में उन्हें जिला कारागार झांसी तैनात कर दिया गया। इसी प्रकार निलंबन से बहाल होकर राजधानी के आदर्श कारागार में अटैच हुए जेलर रवींद्र कुमार को भी अटैचमेंट समाप्त करते हुए जिला जेल बिजनौर में तैनात कर दिया गया। इस प्रकार डिप्टी जेलर श्रीधर यादव को आजमगढ़ जेल से सीतापुर जेल अटैच किया गया था। स्थानांतरण सूची में उन्हें सीतापुर जेल में ही समायोजित कर दिया गया। चर्चा है कि विभाग के आला अफसरों ने इन दोषी अधिकारियों को प्राइज पोस्ंिटग देकर उपकृत कर दिया।
यही नहीं जेल विभाग का प्रभार संभालने के कुछ समय बाद ही जेल राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने बाराबंकी जेल में औचक निरीक्षण किया था। इस निरीक्षण के दौरान उन्हें जेल में बड़ी अनियमिताएं मिली। इसके लिए उन्होंने अधीक्षक समेत सात लोगों को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके तहत डिप्टी जेल आशुतोष मिश्रा को भी निलंबित किया गया था। तीन दिन पहले जारी स्थानांतरण सूची में इन्हें जिला जेल लखनऊ में तैनात कर दिया गया। इसके अलावा स्थानांतरण सूची में एक और दिलचस्प मामला यह देखने को मिली है कि बिजनौर जिला जेल से जेल शैलेंद्र प्रताप सिंह को हटाकर प्रयागराज जिला जेल स्थानांतरित किया गया है। यह जेल वर्तमान समय में चालू ही नहीं है। न तो इस जेल में कोई बंदी है और न ही इसका अभी निर्माण कार्य ही पूरा हो पाया है।
जेल मुख्यालय के बाबूओं ने की जमकर वसूली
कारागार विभाग के तबादलों में एक बार फिर जमकर वसूली हुई है। इस मनमाफिक अवैध वसूली से विभागीय मंत्री और जेल मुख्यालय के बाबू मालामाल हो गए। शासन और जेल मुख्यालय में बैठ अफसरों ने चहेते अधिकारियों को मनमाफिक स्थानों पर तैनाती देने के लिए नियमों को ताक पर रखकर कमाऊ जेलों पर तैनात कर दिया है। सूत्रों का कहना है वरिष्ठ अधीक्षक और अधीक्षक के तबादलों में विभागीय मंत्री की सिफारिशों के साथ उगाही का बोलबाला रहा। वहीं हेड वार्डर और बार्डर के तबादलों में जेल मुख्यालय में तैनात बाबुओं ने जमकर वसूली की है। पश्चिम की कमाऊ समेत अन्य बड़ी जेलों पर तैनाती के लिए बाबूओं ने मोटी रकम वसूल की है। उधर डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह ने लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि तबादले नियमानुसार किए गए है।