हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू द्वारा मात्र 27 वर्ष की आयु में अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष और बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक गौरवशाली अध्याय है। सुश्री मुर्मू ने यहां गाचीबोवली इंडोर स्टेडियम में अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मैं भारत माता के वीर सपूत मन्यम वीरुडु को श्रद्धांजलि देने में अपने सभी देशवासियों के साथ शामिल होना अपना महान सौभाग्य मानती हूं। राष्ट्रपति ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप अल्लूरी सीताराम राजू ने आदिवासी अस्मिता, अधिकार और जीवनशैली के हित में संघर्ष की ऐसी धारा का नेतृत्व किया, जिसकी स्मृति आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू का जीवन-चरित्र जाति और वर्ग के आधार पर भेदभाव से मुक्त होकर पूरे समाज और देश के लिए एकजुट होने का एक उदाहरण है। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज ने उन्हें पूरी तरह अपना लिया था और उन्होंने आदिवासी समाज के सुख-दुख को ही अपना सुख-दुख बना लिया था। राष्ट्रपति ने कहा कि इस शुभ अवसर पर मैं बुद्धिजीवियों, खासकर समाजशास्त्रियों और इतिहासकारों से अनुरोध करती हूं कि वे देशवासियों, खासकर युवा पीढ़ी को अल्लूरी सीतारमन राजू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से अवगत कराएं। (वार्ता)