उमेश तिवारी
काठमांडू । नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड की भारत यात्रा और अमेरिकी अधिकारियों के काठमांडू दौरे के प्लान के बाद अब चीन ने इस हिमालयी देश में अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के बेहद शक्तिशाली पोलित ब्यूरो के सदस्य युआन जिआजून 23 जुलाई को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ काठमांडू आ रहे हैं। पोलित ब्यूरो ही कम्युनिस्ट पार्टी के सभी महत्वपूर्ण फैसलों को लेती है। चीनी नेता का नेपाल के प्रधानमंत्री से मिलने का कार्यक्रम है। युआन ऐसे समय पर काठमांडू पहुंच रहे हैं जब अमेरिका का एमसीसी प्रॉजेक्ट नेपाल में पहली बार शुरू होने जा रहा है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक युआन एक शीर्ष वैज्ञानिक हैं और हथियारों के एक्सपर्ट माने जाते हैं। नेपाल में प्रचंड सरकार बनने के बाद यह सबसे वरिष्ठ नेता हैं जो नेपाल के दौरे पर आ रहे हैं। नेपाल की चीन समर्थक केपी ओली के नेतृत्व वाली प्रमुख विपक्षी पार्टी सीपीएन यूएमएल के एक नेता ने बताया कि चीनी नेताओं के आने का सिलसिला आने वाले समय में और तेज होगा। बताया कि जा रहा है कि वह ओली से भी मिल सकते हैं। बताया जा रहा है कि चीनी नेता का पूरा फोकस नेपाल में बीआरआई परियोजना को मजबूत करना है।
नेपाल ने साल 2017 में चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना पर हस्ताक्षर किया था लेकिन अभी तक यह परियोजना शुरू नहीं हो सकी है। उधर, नेपाल में चीन के राजदूत ने दावा किया है कि पोखरा एयरपोर्ट समेत बीआरआई के कई प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। इससे दोनों के बीच विवाद बढ़ा है। चीनी मीडिया के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गत वर्ष युआन को 24 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में शामिल किया था। युआन एक वैज्ञानिक है और तकनीक तथा एयरोस्पेस इंजीनियरिंग पर उनकी अच्छी पकड़ है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक युआन एक रॉकेट साइंटिस्ट हैं। उन्होंने नैशनल डिफेंस टेक्नॉलजी इंडस्ट्री में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। काठमांडू के चाइना स्टडी सेंटर के महासचिव उपेंद्र गौतम कहते हैं कि आने वाले दिनों में चीन से आने वाले नेताओं की संख्या काफी बढ़ने जा रही है। युआन और प्रतिनिधिमंडल के अलावा कई और प्रतिनिधिमंडल तथा विशेषज्ञ भी नेपाल के दौरे पर आने वाले हैं। इन सभी का फोकस किसी तरह से बीआरआई को नेपाल में बढ़ाने पर है। नेपाल में बीआरआई को लेकर कई प्रोग्राम भी किए जाने हैं। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड भी इस साल चीन के दौरे पर जाने वाले हैं।