डॉ दिलीप अग्निहोत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक लाइन में उत्तर प्रदेश के विकास को व्यापक रूप में रेखांकित कर दिया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के विजन और योगी आदित्यनाथ के मिशन से उत्तर प्रदेश का समग्र विकास हो रहा है। इसी बात को केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने अपने अंदाज में कहा। उनके अनुसार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी एवं योगी लखनऊ में 3300 करोड़ रुपये से अधिक की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं तथा लखनऊ के विकास से सम्बन्धित 475 करोड़ रुपये की 164 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कि श्रद्धेय अटल ने लखनऊ के विकास का जो सपना देखा था, रक्षा मंत्री ने उसे धरातल पर उतारने का कार्य किया है।अटल बिहारी वाजपेयी के समय में फोर,सिक्स और एट लेन की जो सड़कें बनीं थीं। उसके बाद कोई भी नया प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पा रहा था। यूपी सरकार अनिर्णय का शिकार थी। नितिन गडकरी ने देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर के एक नये युग का सूत्रपात किया है। डिफेंस मैनुफैक्चरिंग कॉरिडोर के अन्तर्गत मेक इन इण्डिया की परिकल्पना को साकार करते हुए लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल का उत्पादन होने जा रहा है। वर्तमान में भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। पारदर्शी व्यवस्था के कारण किसानों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन हुआ है। मण्डी की व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन तथा समय से कम्पन्सेशन की राशि के सीधे खाते में पहुंचने से किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ाने में मदद मिली है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कई वर्ष पहले लखनऊ के विकास की जो समग्र रूपरेखा तैयार की गयी थी, उसी के अनुरूप विकास कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। इसी श्रृंखला में आज दसवें फ्लाई ओवर के लोकार्पण के साथ ही विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जा रहा है। प्रदेश में जिस तरह कार्य हो रहा है, उससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वन ट्रिलियन डॉलर की बनकर रहेगी।
प्रदेश में छह एक्सपे्रस-वे क्रियाशील आपरेशनल हैं। आठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। इस समय राज्य में तीन इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हैं। आने वाले समय में प्रदेश में पांच इण्टरनेशनल एयरपोर्ट हो जाएंगे। नितीन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं है। उत्तर प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। विकास के लिए अच्छी सड़कें होना एक आवश्यक शर्त है। वर्ष 2024 की समाप्ति तक उत्तर प्रदेश में पांच लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के कार्य सम्पन्न होंगे। नौ वर्षों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये की लागत से छह हजार किमी की सड़कों को बनाने का कार्य किया है। लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की लागत से तीन हजार किमी की सड़क के निर्माण का कार्य चल रहा है। लगभग अस्सी हजार करोड़ रुपये की लागत से पैंतीस सौ किमी की सड़क के डीपीआर बन रहे हैं। भविष्य की योजनाओं में एक लाख पचास हजार करोड़ रुपये की लागत की एक सौ बीस परियोजनाओं की प्रक्रिया आरंभ हुई है।
कानपुर से लखनऊ के मध्य पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से 63 किमी लम्बे 06 लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। गोरखपुर से शामली के मध्य 35 हजार करोड़ रुपये की लागत से 840 किमी लम्बा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर सिलिगुड़ी एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ेगा। इसके अलावा, 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से 04 लेन भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के विकास को एक नयी दृष्टि दी है। उत्तर प्रदेश के एथनॉल से अब केवल गाड़ियां ही नहीं चलेंगी, बल्कि आने वाले समय में दुनिया के जहाज भी उड़ेंगे। इण्डियन आयल प्रदेश में एथनॉल का प्लाण्ट लगाने जा रहा है। अब किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बनेंगे। एथनॉल के साथ मेथेनॉल, बायो सीएनजी, बायो एलएनजी, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन हमारा भविष्य है। उत्तर प्रदेश आने वाले समय में हाईड्रोजन निर्माण की दिशा में अग्रसर होगा। हमारा देश ऊर्जा का आयात करने वाला नहीं, बल्कि ऊर्जा का निर्यात करने वाला देश बनेगा।