उमेश तिवारी
महराजगंज । नेपाल के नए-नए नियमों ने निर्यातकों से लेकर पर्यटकों तक की परेशानी बढ़ा दी है। जून में भारतीय फल और सब्जियों पर 13 प्रतिशत वैट लगाए जाने के बाद जहां निर्यात घट गया है तो वहीं अब वाहनों के प्रवेश शुल्क के साथ रोड टैक्स में बढ़ोतरी से घूमना-फिरना भी महंगा हो गया है। भैरहवा कस्टम कार्यालय के प्रवक्ता युवराज भट्टराई सरकार के आदेश का पालन कराने की बात कहते हैं।
एक माह पहले बढ़ाया था भंसार
नेपाल सरकार ने भारतीय वाहनों के प्रवेश शुल्क (भंसार) में एक महीने पहले बढ़ोतरी की थी। भारतीय दो पहिया वाहन का नेपाल में प्रवेश शुल्क प्रतिदिन 150 रुपये (नेपाली) लगता था, जिसे बढ़ाकर 200 रुपये कर दिया गया था। इसी तरह चार पहिया वाहन का प्रवेश शुल्क 500 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये (नेपाली) और मालवाहक वाहनों की एंट्री फीस 1700 रुपये नेपाली कर दी गई।
अब रोड टैक्स में वृद्धि
अब 17 जुलाई से रोड टैक्स (परमिट) भी बढ़ा दिया गया है। यातायात व्यवस्थापन सेवा कार्यालय भैरहवा प्रमुख ईश्वरी प्रसाद आर्याल ने बताया दो पहिया भारतीय वाहन का रोड टैक्स एक दिन का 100 रुपये की जगह 200 हो गया है। वहीं चार पहिया वाहन का प्रतिदिन 150 रुपये की जगह 500 रुपये नेपाली और बस का 200 रुपये की जगह 700 रुपये नेपाली एक दिन का रोड टैक्स हो गया है।
यह है नियम
नेपाल यात्रा अपने वाहन से करने के दौरान प्रवेश शुल्क (कस्टम ड्यूटी) और रोड टैक्स दोनों अनिवार्य है। बिना प्रवेश शुल्क के भारतीय वाहन जाने पर सीज किया जा सकता है। वहीं रोड परमिट न लेने पर जुर्माने का प्रावधान है। जितने दिन का प्रवेश शुल्क और परमिट शुल्क जमा करेंगे उतने दिन की ही यात्रा वैध होती है।
एक जून से भारतीय फल व सब्जियों पर 13% वैट
नेपाल सरकार ने भारत से नेपाल एक्सपोर्ट होने वाले आलू, प्याज, हरी मटर, एस्ट्रावेरी, बोड़ा, सेब, कीवी, नारियल जैसे फल-सब्जियों पर 1 जून से 13 प्रतिशत वैट लगा दिया है। इससे निर्यात घटकर आधा रह गया है।
कस्टम की सख्ती से सीमावर्ती बाजार बेजार
जून माह से ही भैरहवा कस्टम ने 100 रुपये से ज्यादा कीमत के भारतीय सामान पर कस्टम वसूली का नियम लागू कर दिया है। यह नियम पुराना है लेकिन पहले घरेलू सामान पर कोई रोक टोक नहीं थी । इससे सीमावर्ती सोनौली और ठूठीबारी के बाजार बेजार हो गए हैं।
भारतीय वाहनों को नेपाल जाने से रोकने की साजिश
सोनौली उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय रौनियार बताते हैं कि 100 रुपये से ज्यादा मूल्य के सामान पर कस्टम वसूली से सीमावर्ती बाजार को ध्वस्त करने की योजना है। इसी तरह प्रवेश शुल्क और रोड टैक्स बढ़ाने के पीछे भारतीय वाहनों को नेपाल जाने से रोकने की मंशा है। ताकि भारतीय पर्यटक अपने वाहन की बजाय नेपाल के वाहनों का इस्तेमाल करें।