चार आश्रम व चार पुरुषार्थ

कर्नल आदि शंकर मिश्र
   कर्नल आदि शंकर मिश्र

जीवन के तीन प्रहर बीते,
बस एक प्रहर ही बाकी है,
तीन आश्रम बीत चुके,
अब सन्यासी जीवन बाक़ी है।

बृह्मचर्य, गृहस्थ रहकर ही,
वानप्रस्थ भी भोग चुके,
यूँ तो पुरुषार्थ किये होंगे,
पर मोक्ष तो मिलना बाक़ी है ।

धर्म, अर्थ, काम में फँसकर,
कैसे जीवन निकल गया,
माया- मोह की चका-चौंध में,
जीवन हाथों से फिसल गया।

भौतिकता की ख़ातिर सब
कुछ पाने की अभिलाषा,
पाया भी सब कुछ जीवन में,
पर लिप्सायें तो बाकी हैं।

दुनिया को हम क्या दे पाये,
दुनिया से हमने क्या पाया,
गुणा- भाग सब करके देखा,
यह लेखा – जोखा बाक़ी है।

मोक्ष प्राप्ति की ख्वाहिश में,
बस मुट्ठी ख़ाली खुली रही,
दुनिया से नाता कैसा है,
ये गणना भी बाकी है ।

यादें बीते पल की आयें,
इस भाग-दौड़ के चक्कर में,
वर्तमान का होश नहीं,
संतोष कहाँ कोई मन में ।

हानि-लाभ व यश-अपयश,
ईश्वर के हाथ में होते हैं,
जीवन की गति- नियति यही है,
पर संतोष तो पाना बाक़ी है।

यूं ही शायद जीवन बीते,
अंतिम क्षण यूं ही आएगा,
अंतर्मन में है छिपा यही,
इस प्रश्न का उत्तर बाक़ी है।

मेरा तेरा करते करते,
अपनी ख़ुशियाँ अपने सपने,
मेरे बच्चे, मेरे अपने,
‘आदित्य’ ये जीवन साक्षी है ।

दर्द दूसरों का देख सके,
आंखों में आँसू आए कभी ?
अंधकार मिट जाये जब,
बस यही चुनौती बाक़ी है।

शाम ढले, तो ढले मगर,
दूर कहीं उस बस्ती में,
अंधकार छाने से पहले
रोशनी जलाना बाकी है।

तीन प्रहर यूँ बीत गये,
बस एक प्रहर ही बाकी है,
सारा जीवन ही यूँ बीता,
पर मोक्ष का मिलना बाकी है।

 

Litreture

यदि आप साहित्य प्रेमी है तो यह आपके लिए भी जानना है बहुत जरूरी

लोरी के रूप में मां के मुंह से उपजा बाल साहित्य साहित्य अकादेमी दिल्ली का आयोजन अब नजरंदाज हो रहा है बाल साहित्य नया लुक संवाददाता लखनऊ। साहित्य अकादेमी दिल्ली के दो दिवसीय आयोजन के दूसरे दिन हिंदी संस्थान के निराला सभागार में चले बाल साहिती के सत्रों में संगोष्ठी, काव्य समारोह के संग पुरस्कृत […]

Read More
Litreture

स्त्री-पुरुष से बाहर कुछ और लोग हैं, उनकी समस्या पर बोलें, तब बदलेगा समाज

मंथन फाउंडेशन के अंतर्गत साहित्य अकादमी दिल्ली में जेंडर इक्वालिटी संगोष्ठी का हुआ आयोजन समाज में स्त्रियों के भीतर की पितृसत्ता को निकलना अधिक कठिन है, मां एक पीढी में बदलाव ला सकती है नया लुक संवाददाता नई दिल्ली। साहित्य से समाज नहीं वरन् समाज से साहित्य है…और इसलिए साहित्य की चर्चा के साथ साथ […]

Read More
Litreture

कवियत्री अर्चना सिंह को मिला हिंदी काव्य रत्न सम्मान

महराजगंज। जिले की प्रसिद्ध कवियत्री अर्चना सिंह को नेपाल के लुंबिनी में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। नेपाल की प्रसिद्ध संस्था ‘शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल’ द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से आज सम्मानित किया गया है। […]

Read More