जेल विभाग के निर्माण विभाग का गोलमाल

  • आईजी जेल आगमन से पूर्व ढही इटावा जेल की दीवार
  • प्रतिवर्ष मेंटीनेंस के नाम पर खर्च होता करोड़ों

आर के यादव

लखनऊ। प्रदेश की जेलों के मेंटीनेंस के प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे है। इस बेतरतीब खर्च का खुलासा बीती रात इटावा जनपद में देखने को मिला। जनपद की जिला जेल की मेनवॉल का एक हिस्सा पूरी तरह से ढह गया। यह अलग बात है कि इस घटना में न कोई हताहत हुआ और न ही जेल का कोई बंदी निकल कर फरार हो पाया। इस घटना ने जेल विभाग के निर्माण कार्यों की पोल जरूर खोल दी। अब विभागीय अधिकारी खामियों को छिपाने के लिए पुरानी जेल होने की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं।  मिली जानकारी के मुताबिक इटावा जनपद में दो जेल बनी हुई है। एक जिला जेल और दूसरी सेंट्रल जेल । सेंट्रल जेल का निर्माण अभी हाल ही में किया गया है जबकि जिला जेल काफी पुरानी जेल है। बताया गया है को पुरानी जिला जेल की जर्जर हालत को देखते हुए ही नई सेंट्रल जेल का निर्माण कराया गया है। इस जेल में पुरानी जिला जेल के बंदियों को रखे जाने व्यवस्था की गई थी, लेकिन जेल प्रशासन के पुरानी जेल के बंदियों को अभी तक नई जेल में शिफ्ट नहीं कर पाए है।

सूत्रों का कहना है कि शनिवार को सुबह तड़के पुरानी जिला जेल की मुख्य मेनवाल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। एकाएक हुए इस हादसे से जेल प्रशासन के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया। यही नहीं जेल परिसर के आसपास रहने वाले लोगो में खलबली मच गई। सुबह टहलने के समय हुए इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जेल की यह मेनवॉल पिछले काफी समय से टेढ़ी और जर्जर थी। इसकी कई बात अधिकारियो से शिकायत भी की गई तो उन्होंने कहा कि नई जेल में बंदियों के शिफ्ट हो जाने के बाद इसको ठीक कराया जायेगा। इस हादसे ने जेल अफसरों के होश उड़ा दिए है। उधर इटावा जिला जेल के वरिष्ठ अधीक्षक रामधनी ने जेल की मेनवॉल ढहने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि इस जेल का निर्माण 1840 में हुआ था। जेल पुरानी होने के कारण जर्जर हो गई है। बंदी शिफ्ट होने के बाद इसका नए सिरे से निर्माण कराया जायेगा।

आईजी ने झांसी जेल का किया औचक निरीक्षण

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक/ महानिरीक्षक कारागार एस एन साबत ने शनिवार को मंडलीय कारागार झांसी का औचक मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने जेल की मुलाकात व्यवस्था, खानपान की व्यवस्था का अवलोकन करने के साथ बंदियों से समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। आईजी जेल के कार्यक्रम की पूर्व सूचना होने की वजह से जेल की समस्त व्यवस्थाएं चाक चौबंद मिली। जेल पहुंचने के बाद आईजी जेल ने सर्वप्रथम मुलाकातघर की कंप्यूटरकृत व्यवस्था के बारे में अधिकारियों और पर्ची बनाने वाले राइटर से पूछताछ कर जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने जेल के कार्यालयों का मुआयना किया। आईजी जेल ने जेल के अंदरयू सर्किल पहुंचकर बंदियों से समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधीक्षक विनोद कुमार एवम अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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