श्रीनगर। गृह मंत्रालय ने ‘सार्वजनिक हित’ में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के निलंबित अधिकारी बसंत कुमार रथ को समय से पहले सेवानिवृत्ति दे दिया है। राष्ट्रपति की ओर सात अगस्त को जारी आदेश में कहा गया कि उत्तर प्रदेश विभाग एवं गृह मंत्रालय के सक्षम अधिकारियों के परामर्श से अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) के 2000-बैच के IPS अधिकारी रथ की समयपूर्व सेवानिवृत्ति को मंजूरी दे दी। साथ ही उन्हें ‘सार्वजनिक हित’ में नोटिस के बदले तीन महीने का वेतन और भत्ता दिए जाने का निर्देश दिया है।
ओडिशा में जन्मे IPS अधिकारी रथ को तीन साल पहले केंद्र सरकार ने ‘कदाचार’के लिए निलंबित कर दिया था। जुलाई में उनका निलंबन छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। रथ के समयपूर्व सेवानिवृत्ति आदेश में कहा गया, कि केंद्र सरकार, प्रदेश विभाग के प्रस्ताव और उनके (रथ) प्रदर्शन पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि सार्वजनिक हित में अधिकारी सेवा में बनाए रखना उपयुक्त नहीं है। इसलिए, केंद्र सरकार ने AIS (DCRB) नियम 1958 के नियम 16(3) के तहत जनहित में रथ को तत्काल प्रभाव से समय से पहले सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि 2020 में अपने निलंबन के बाद रथ ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। रथ ने कल ही एक वीडियो क्लिप में DGP पर गंभीर आरोप लगाए थे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का आग्रह किया था। पिछले कुछ समय से रथ गृह सचिव अजय भल्ला पर भी तंज कस रहे थे। रथ ने दिल्ली में स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र की पढ़ाई की है और उन्होंने हाल ही में कई बार राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। (वार्ता)