पूर्वांचल के तीन युवाओं ने छेड़ी बगावत की राग
नया लुक संवाददाता
लखनऊ। कभी युवाओं के बूते सरकार तक पहुंचने वाली समाजवादी पार्टी (SP) में तीन युवाओं के बगावती सुर उठने से परेशानी खड़ी होती दिख रही है। कभी पूर्वांचल से जीत की अलख जगाने वाले नेताओं के दम पर मुलायम सिंह यादव ने चार बार वजीर-ए-आला के तख्त तक पहुंचे थे। अब उसी पूर्वांचल से सपा के खिलाफ पुरजोर आवाज उठ रही है और आवाज उठाने वाले कोई और नहीं उन्हीं के तीन सूरमा हैं।
जो पार्टी के लिए कोई संघर्ष नही किया वो 20 साल से पार्टी के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय में घुसने नहीं देगा, अफसोस की बात है कि माननीय अखिलेश यादव जी उसी के सलाह पर पार्टी चला रहे…
पूज्यनीय नेताजी नहीं रहें तो उनके सिपाहियों को ऐसे अपमानित किया जा रहा pic.twitter.com/YzzePvHoCS— Brajesh Yadav🇮🇳 (@BrajeshYadavIND) August 10, 2023
युवाओं को राजनीति की राह दिखाने वाले मुलायम सिंह यादव ने यूथ के चार ‘क्लब’ बनाए थे। पहला- मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड, दूसरा- लोहिया वाहिनी, तीसरा- समाजवादी छात्र सभा और चौथा- युवजन सभा था। इस बार बगावत के जो सुर निकले हैं वो इसी यूथ बिग्रेड से ताल्लुकात रखते हैं। इन तीन में पहला नाम है पीडी तिवारी, दूसरे हैं- प्रदीप तिवारी और तीसरे बृजेश यादव हैं। राजनीति के जानकारों का कार्यकारिणी में जगह न मिलने के कारण इन लोगों ने बगावती सुर अपनाए हैं। वही एक खाटी समाजवादी नेता नाम न छापने की शर्त पर कहते हैं कि मलाई काटकर ये लोग दूसरी पार्टी की ओर देख रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि अब सपा की सरकार नहीं बनने वाली है, इसलिए इन लोगों ने ऐसा रुख अपनाया है।
समाजवादी आंदोलन को अखिलेश यादव ने अपने चुगलखोर सिपह सलाहकारो के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी बना दिए हैं
हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है ,यह वैचारिक लड़ाई है जिसमें उपेक्षित और असंतुष्ट संघर्षशील कार्यकर्ताओं, नेताओं की लड़ाई है l @aajtak @ndtvindia pic.twitter.com/Ng22BpuC1R— pradeep tiwari (Modi Ka Parivar) (@tiwaripradeep99) August 10, 2023
इन तीनों में एक प्रदीप तिवारी ट्वीट करते हैं कि समाजवादी आंदोलन को अखिलेश यादव ने अपने चुगलखोर सिपह सलाहकारों के साथ मिलकर समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी बना दिए हैं। हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं, यह वैचारिक लड़ाई है, जिसमें उपेक्षित और असंतुष्ट संघर्षशील कार्यकर्ताओं, नेताओं की लड़ाई है।
पूरब से मिलती है जीत की उर्वरा
पूर्वांचल के युवा तुर्क चंद्रशेखर, मोहन सिंह, जनेश्वर मिश्र जैसे नेताओं से लैस समाजवादी पार्टी को जीत की उर्वरा पूरब की धरती से ही मिलती रही है। गोरखपुर, अयोध्या और बस्ती मंडल से अधिकांश सीट जीतने वाली सपा के लिए अब यहां से बची-खुची जमीन भी गंवानी पड़ रही है। गौरतलब है कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बस्ती और अम्बेडकर नगर जिले को छोड़कर किसी अन्य जिले में पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।