अधिक मास अमावस्या आज है जानिए शुभ तिथि व पूजा मुहूर्त और महत्व…

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन स्नान दान के साथ पितरों का तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अधिक मास की अमावस्या तिथि को काफी शुभ माना जा रहा है। इस दिन विष्णु जी के साथ शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पड़ती है। लेकिन अधिक मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, क्योंकि यह अमावस्या तीन साल के बाद आती है। दरअसल, अधिक मास तीन साल के बाद आता है। इसे मलमाल और पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे दर्श अमावस्या कहा जाएगा। अधिक मास की अमावस्या तिथि को स्नान-दान करने के साथ पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही भगवान विष्णु, शिव जी और मां पार्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और राहु-केतु के दोषों से छुटकारा मिलता है।

अधिक मास अमावस्या की तिथि

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त, मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से
अधिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 16 अगस्त, बुधवार को दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक।
अधिक मास अमावस्या तिथि- उदया तिथि के अनुसार,अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त 2023 को होगी।

अधिक मास अमावस्या का पूजा मुहूर्त

स्नान दान का मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 51 मिनट से सुबह 9 बजकर 8 मिनट।
पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 25 मिनट।
पितृ तर्पण का सही समय: सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट।
शिववास का समय: सुबह 4 बजकर 24 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 7 मिनट।
पितृ दोष के मुक्ति के उपाय करने का मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट के बीच।

अधिक मास अमावस्या का महत्व

हिंदू धर्म में मलमास अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अपनी जरूरत के अनुसार अनाज, वस्त्र आदि का दान करने से पुण्य मिलता है। इसके अलावा पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने से पितर और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। अधिक मास की अमावस्या तिथि के दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना काफी फलदायी माना जाता है। इस दिन कुछ खास ज्योतिषीय उपाय करके व्यक्ति पितृ दोष से छुटकारा पा सकता है।

अधिकमास की अमावस्या को पांच राशिवालों को होगा फायदा

वृष: आपकी राशि के जातकों के लिए अधिक मास अमावस्या बेहद ही शुभ है। आपको कार्य में सफलता प्राप्त होगी। आपके पद और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आप अपने शत्रुओं पर विजय हासिल कर सकते हैं। हालांकि इस दिन वाद विवाद से दूर रहना उचित रहेगा।

कन्या: इस साल की अधिक मास अमावस्या आपको कई क्षेत्रों में शुभ फलदायी साबित हो सकती है। खासकर बिजनेस करने वाले लोगों को अधिक मुनाफा हो सकता है। नौकरीपेशा लोगों के निर्णय सराहनीय होंगे। सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। उस दिन आप दोस्तों संग यात्रा पर जा सकते हैं और मौज-मस्ती का माहौल रहेगा।

तुला: आपकी राशिवालों के लिए अधिक मास अमावस्या खुशखबर ला सकती है। आपका प्रमोशन हो सकता है। आपके बॉस आपसे खुश रहेंगे। आपकी कोई बड़ी इच्छा पूरी होने की संभावना है। जो लोग अभी तक कुंआरे हैं, उनकी शादी की बात पक्की हो सकती है। कार्यों में सफलता मिलेगी और लाभ होगा।

वृश्चिक: अधिक मास अमावस्या का दिन व्यापारी वर्ग के लिए शुभ साबित हो सकता है। उनको बड़ी डील मिल सकती है या बड़ा मुनाफा हो सकता है। पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों को सफलता मिलेगी। नौकरी करने वाले अपने काम को समय पर पूरा करेंगे। पिता से धन लाभ होने का योग है।

कुंभ: आपकी राशि के जातकों के लिए अधिक मास अमावस्या खुशहाली लेकर आएगी। पारिवार में सुख और शांति का वातावरण रहेगा। बिजनेस से जुड़े लोगों के लिए दिन अनुकूल सिद्ध होगा। आपके काम सफल होंगे। इस दिन आपकी सेहत अच्छी रहेगी। आपका आत्मविश्वास मजूबत रहेगा। माता-पिता का सहयोग प्राप्त होगा।

Religion

किस राशि के लोग बन सकते हैं परफेक्ट पार्टनर और किससे बिगड़ सकता है रिश्ता

विपरीत या शत्रु राशि के साथ शादी करने से वैवाहिक जीवन बन सकता है क्लेश मीन राशि के लिए मेष और वृश्चिक राशि के पार्टनर होते हैं बेहतर वृष, कन्या व मकर के लिए मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले होते हैं शत्रु राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद ज्योतिष के अनुसार, विपरीत या शत्रु राशि […]

Read More
Religion

वर्ष 2024: गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा छठ महापर्व, शुक्रवार सुबह तड़के उगते सूर्य को भक्तगण करेंगे सलाम

डाला छठ आजः महिलाएं घर की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखती हैं व्रत कब है छठ पूजा और कब होगा नहाय-खाय, इसके अलावा जानिए कब है खरना और कब होगा समाप्ति ए अहमद सौदागर लखनऊ। हर साल की तरह इस वर्ष भी छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की […]

Read More
Religion

भाईदूज व गोवर्धन पूजा एक ही साथ आज, कई बरसों बाद बना यह अनोखा संयोग

कब है भाई दूज और कब है गोवर्धन पूजा का मुहूर्त पहली बार एक साथ पड़े हैं ये दो त्यौहार, जानें क्यों राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद भाई दूज के साथ ही पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का समापन होता है। भाई दूज का पर्व बहन और भाई के प्रति विश्वास और प्रेम का होता है। […]

Read More