बस फूटने ही वाला है चीन के इकोनॉमिक बूम का बुलबुला? जिनपिंग करने लगे ‘सब्र रखने’ की अपील

देश मुसीबत में, जिनपिंग दे रहे हैं ज्ञान?

उमेश तिवारी

चीन इस समय गहरे कर्ज संकट में घिर चुका है। देश के अंदर हालात ठीक नहीं है और माना जा रहा है कि अर्थव्‍यवस्‍था जो तेजी से आगे बढ़ रही थी, अब उसका बुलबुला फूटने को है। चीन की अर्थव्यवस्था बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। देश की कम्युनिस्ट पार्टी आर्थिक मंदी को खत्‍म करने की कोशिशों में लगी हुई है। इस बीच चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने देशवासियों से ‘धैर्य’ की अपील की है। साथ ही उन्‍होंने ‘पूंजीवादी’ पश्चिमी देशों की भी कड़ी आलोचना की है। जिनपिंग का एक भाषण सरकार की तरफ से जारी किया गया है जिसमें कई अहम बातें कहीं गई हैं।

फरवरी में दिया था भाषण

जिनपिंग का भाषण पार्टी की किउशी मैगजीन में जारी किया गया है। यह ऐसे समय में जारी हुआ है जब जुलाई में उपभोक्ता और फैक्ट्री गतिविधि में गिरावट के आंकड़ें जारी किए गए हैं। भाषण में जिनपिंग ने युवाओं के बीच बढ़ती बेरोजगारी में चिंताजनक वृद्धि को नजर अंदाज कर दिया। शी ने भाषण में कहा, ‘हमें ऐतिहासिक तौर पर धैर्य बनाए रखना है और क्रमबद्ध तरीके से एक स्थिर प्रगति पर जोर देना है।’ क्यूशी ने लिखा है कि भाषण फरवरी में दक्षिण-पश्चिमी शहर चोंगकिंग में दिया गया था। क्यूशी मैगजीन में राष्‍ट्रपति के भाषण देने के कुछ महीनों बाद उसे रिलीज किया जाता है।

पश्चिमी देशों की आलोचना

शी जिनपिंग ने पश्चिमी देशों की भी खुलकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश अपने भौतिकवाद और आध्यात्मिक गरीबी के कारण ‘हमेशा परेशानी में’ रहे हैं। शी के शब्‍दों में , ‘पश्चिमी शैली का आधुनिकीकरण अधिकांश लोगों के हितों की सेवा करने के बजाय पूंजीगत हितों को बढ़ाना और उन्‍हें फायदा पहुंचाना होता है।’ जिनपिंग के भाषण में एक मजबूत समाजवादी विचारधारा के बारे में भी ज्ञान दिया गया है। इसमें कहा गया है कि थोड़े समय के फायदे के बजाय चीन की आबादी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और फूड सप्‍लाई जैसे लक्ष्‍यों पर जोर देना है। साल 2013 में सत्ता में आने के बाद से शी ने अर्थशास्त्र और समाज में कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व को बहाल करने का लक्ष्‍य रखा है। साथ ही डेटा सिक्‍योरिटी के जरिए बिजनेस को नियंत्रित करते आए हैं।

चीन के खस्‍ता हाल

जून में खत्‍म हुई तिमाही के दौरान आर्थिक वृद्धि दर पिछली तिमाही की तुलना में घटकर 0.8% रह गई है। इस साल के अंत में देश की आर्थिक वृद्धि दर यह 3.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। यह पिछले कई सालों में चीन की सबसे सुस्त आर्थिक रफ्तार होगी। वहीं जून में ही एक सर्वे से पता चला था कि साल 16 से 24 वर्ष की आयु के शहरी श्रमिकों के बीच बेरोजगारी दर 21.3 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इसके बाद सांख्यिकी ब्यूरो ने घोषणा की कि वह इस डेटा पर अपडेट को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है। उसका कहना है कि वह माप मानदंडों को फिर से परिभाषित करने के लिए काम कर रहा है।

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