
- एक हेड कांस्टेबल की कहानी उसकी जुबानी
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। दरअसल इरादा कुछ और लिखने का था। तमाम सुझाव दे उससे कहीं ज्यादा राय थीं और वह भी जुदा -जुदा। कुछ लोग चाहते थे कि उत्तर प्रदेश में पुलिस के जवानों के ऊपर क्या बीत रही है इसके बारे में लिखा जाए और कुछ की ख्वाहिश थी कि उनकी व्यक्तिगत पीड़ा को किसी तरह आवाज मिले। उधेड़-बुन के बीच सोशल मीडिया के जरिए यह बात सामने आई कि जनपद बागपत में तैनात हेड कांस्टेबल वीडियो में अपनी और अपने साथी पुलिसकर्मियों के बारे कहा कि क्या पुलिस इंसान नहीं होती।
यह कहते हुए उसकी आंखें आंसूओं से भर आई। एक डेढ़ साल के भीतर पुलिसकर्मियों द्वारा खुदकुशी किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यह तो पिछले कुछ दिनों की बात है हाल ही में जनपद मेरठ और जनपद अयोध्या में दो सिपाहियों ने खुदकुशी कर जीवन लीला समाप्त कर। सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में देखने को मिला कि सिर्फ आम आदमी नहीं नहीं पुलिस भी रोती है। वायरल हुई वीडियो में हेड कांस्टेबल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन करते हुए कहा कि बीती 20 जुलाई को उसकी बहन की मौत हो गई।
लेकिन जिम्मेदार पुलिस अफसरों ने छुट्टी नहीं दी, लिहाजा वह बहन की मौत पर भीतर ही भीतर सिसकियां भर रहा था, लेकिन वह अपनी पीड़ा किससे बयां करता। इसी उधेड़बुन में याद आई कि क्यों न अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाए। वह मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि सर हम पुलिस वाले भी इंसान हैं, हमारे भी बच्चे परिवार हैं कुछ सोचने का कष्ट करें। यह सब बयां करते-करते उसकी आंखों में आसूं भर आया कहा कि बस आप ही पुलिस की पीड़ा सुन सकते हैं।