जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
अखंड सौभाग्य का व्रत तीज 02 सितम्बर को है। पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले इस व्रत को बड़े ही प्रेम और उल्लास के साथ राजस्थान, यूपी , एमपी में मनाया जाता है। कहीं-कहीं इस पर्व को सातुड़ी की तीज और कजली तीज भी कहते हैं। कहीं-कहीं तो तीज के नाम पर काफी उत्सव भी मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती हैं। सिंजारा जो तीज के एक दिन पहले आता है वो 01 सितम्बर को है।
सिंजारा या सिंधारा तीज
आपको पता हैं कि इस पर्व को सिंजारा या सिंधारा तीज भी कहा जाता है क्योंकि इसमें लड़की के मायके से ससुराल वालों को सिंजारा (सिंधारा) भेजा जाता है, जिसमें तीज की पूरी थाल होती है, इस थाल में लड़की और लड़की की सास के लिए साड़ी, गहने, मिठाई, मेवे और श्रृंगार का पूरा सामान होता है। जिसके जरिए मायके वाले लड़की को अपना प्यार और शुभकामनाएं भेजते हैं। सिंजारा तीज से एक-दो दिन पहले आता है।
राजस्थान में सिंजारा उत्सव मनाते हैं
राजस्थान में तो लोग सिंजारा उत्सव मनाते हैं,ये तीज के एक दिन पहले होता है, जिसमें सिंजारा आने के बाद महिलाएं हाथों में मेंहदी रचाती हैं और कुछ खाती-पीती हैं क्योंकि इसी के खाने के बाद उनका व्रत शुरू हो जाता हैं। महिलाएं इस दौरान गाती भी हैं और नृत्य भी करती हैं। तीज के मौके पर बेटी या बहन के घर पे भेजे जाने वाले सिंजारे में क्या क्या होता है।
श्रृंगार का सामान
आप सिंजारे में सजने धजने वाले श्रृंगार और कॉस्मेटिक आइटम्स को शामिल कर सकते हैं। इसमें आप उनके लिए मांग टीका, झुमके, बाजूबंद, कमरबंद, बिछिया, पायल, कंगन, चूड़ियां, अंगूठी, बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, मंगल सूत्र, नथस, गजरा, कंघी आदि भेज सकते हैं।
कपड़े : सिंजारे में आप उनके लिए नई साड़ी या सूट दे सकते हैं। उनके पति के लिए पेंट-शर्ट का सेट भी भेज सकते हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार उनके सास ससुर और छोटे बच्चों के लिए भी कपड़े भिजवा सकते हैं।
मिठाईयां: आप सिंजारे में घेवर के साथ अन्य मिठाईयां भी शामिल कर सकते हैं जैसे सफेद और लाल रसगुल्ले, बर्फी, लड्डू आदि।
नमकीन: अपनी बहन या बेटी के ससुराल में सिंजारा भिजवा रहे हैं तो उनकी पसंद के खाने पीने के सामन भी आप शामिल कर सकते हैं। साथ ही आप इसमें उनके लिए मठरी, शक़्कर पारा, नमस्कार पारा आदि भी भिजवा सकते हैं।