डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुंबई में विपक्षी इं डि या की बैठक एक दिलचस्प नज़ारे के साथ समाप्त हुई। मंच पर वह दिग्गज विराजमान थे, जिन पर कुछ वर्ष पहले अरविंद केजरीवाल ने घोटालों के गंभीर आरोप लगाए थे। आज वही केजरीवाल मोदी सरकार को देश की सर्वाधिक भ्रष्ट घोषित कर रहे थे। जबकि उनकी नई राजनीति भी बेनकाब हो चुकी है। उनकी सरकार खुद घोटालों में घिरी है। मुंबई में लालू यादव भी ईमानदार सरकार की दुहाई दे रहे थे। राजद के शासन पर जंगलराज और घोटालों के आरोप लगाने वाले नीतीश भी उनके साथ हैं। राहुल गांधी थे, सोनिया गांधी थी। नेशनल हेराल्ड नजरअंदाज था। राहुल को लद्दाख की चिंता थी। उनसे हरवाहे ने कहा कि चीन ने जमीन क़ब्ज़ा कर ली।
कांग्रेस के शासनकाल में सर्वाधिक उपेक्षित लद्दाख था। मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक सुधार करके लद्दाख के साथ न्याय किया। आज लद्दाख विकास की मुख्यधारा में शामिल है। इतना अवश्य हुआ कि विपक्षी इंडिया में भारी भरकम शब्दों में कोई कमी नहीं थी। इंडिया गठबंधन जुडेगा भारत,जीतेगा इंडिया’ थीम पर चुनाव में उतरेगा। इसके साथ ही संविधान और लोकतंत्र की भी दुहाई दी गई। इन्हें खतरे में बताया गया। यह बताने का प्रयास हुआ कि विपक्षी इंडिया के सत्ता में पहुँचते ही संविधान लोकतंत्र मजबूत हो जाएगा। लेकिन किसी भी पार्टी ने अतीत में अपने शासन का उल्लेख नहीं किया। पश्चिम बंगाल, बिहार, राजस्थान, केरल आदि प्रदेशों की सच्चाइ सामने हैं। राजद का पंद्रह वर्षीय शासन लोग भूले नहीं हैं। यूपीए सरकार के दस वर्ष भी लोगों को याद हैं।