रामजन्मभूमि लोकार्पण से पहले देश के पांच लाख गांवों में पहुंचेंगे संत

  • गंगा महासभा के प्रस्तावों पर आज लगेगी मुहर
  • अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में जुटेंगे देश भर के संत, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे
  • संस्कृति संसद 2023 की तैयारी बैठक
  • रामजन्मभूमि के बलिदानियों के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में संत करेंगे मोक्ष यज्ञ:  सरस्वती

लखनऊ। वेदान्त सत्संग आश्रम, अनौरा कला चिनहट में संस्कृति संसद के आयोजन हेतु गंगा महासभा की एकदिवसीय राष्ट्रीय टोली बैठक में पारित प्रस्ताव में यह निश्चय किया गया कि दो से पांच नवंबर के मध्य आयोजित संस्कृति संसद के प्रथम दिन देश के प्रत्येक भाग से आए हजारों संतो द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के बलिदानियों के मुक्ति हेतु मोक्ष यज्ञ संपन्न होगा। यह जानकारी गंगा महासभा एवं अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने दी। इस आयोजन की तैयारी के लिए कल इसी स्थल पर अखिल भारतीय संत समिति की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहूत की गई है। जिसमे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रवींद्र पुरी  भी उपस्थित रहेंगे। कल की बैठक में ही गंगा महासभा की बैठक के सभी प्रस्ताव स्वीकृत किए जायेंगे।

देशभर से पधारे संतों द्वारा दो नवंबर 2023 को काशी विश्वनाथ मंदिर में महारुद्राभिषेक समेत अन्य याज्ञिक अनुष्ठान संपन्न करेंगे। सभी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के पश्चात पश्चात 100-100 भक्त परिवारों के साथ रामलला का दर्शन करेंगे तथा अन्य संतों को भी प्रेरित करेंगे। अखिल भारतीय संत समिति, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्रीकाशी विद्वत परिषद के सहयोग से संस्कृति संसद का आयोजन गंगा महासभा करती है। हर दो वर्ष के अंतराल पर आयोजित होने वाली यह पांचवी संस्कृति संसद है। राष्ट्रीय टोली बैठक का उद्घाटन गंगा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, अखिल भारतीय संत समिति के संयुक्त महामंत्री स्वामी महामंडलेश्वर मनमोहन दास जी राधे राधे बाबा एवं अखिल भारतीय संत समिति,उत्तरप्रदेश अध्यक्ष स्वामी अभयानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलित कर किया।

गंगा महासभा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री एवं संस्कृति संसद के संयोजक गोविंद शर्मा ने कहा कि संस्कृति संसद के दूसरे दिन तीन नवंबर को धर्म विमर्श आयोजित होगा जिसमें देशभर के 127  सम्प्रदायों के 400 मंडलेश्वर एवं महामंडलेश्वरों समेत एक हजार संत धर्म विमर्श करेंगे। तीसरे दिन चार नवंबर को मातृ विमर्श एवं चौथे दिन पांच नवंबर को युवा विमर्श होगा। इसके उपरांत राम मंदिर के लोकार्पण तक सभी संत देशभर में प्रवास कर जनजागरण करेंगे। इस बैठक में गंगा महासभा के राष्ट्रीय मंत्री विनय तिवारी, प्रो. हरिशंकर कंसाना, नवीन तिवारी, बिहार झारखंड प्रदेश अध्यक्ष धर्मचंद पौद्दार, उत्तर प्रदेश के संयुक्त महामंत्री अजय उपाध्याय, मध्य प्रदेश के प्रदेश मंत्री दयानिधि उपस्थित थे।

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