जकार्ता। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) का 43वां शिखर सम्मेलन वैश्विक रूप से बढ़ती अनिश्चितताओं और चुनौतियों बावजूद कई सार्थक परिणामों के साथ गुरुवार को संपन्न हुआ। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने शिखर सम्मेलन के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इंडोनेशिया की अध्यक्षता में इस क्षेत्र ने स्थिरता और समृद्धि के लिए बहुत कुछ प्राप्त किया है।
विडोडो ने कहा कि इस दुनिया को एक सुरक्षित घर की आवश्यकता है और आसियान उन भूमिकाओं को निभाने में सक्षम बनने की राह पर है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया की अध्यक्षता में इस वर्ष का शिखर सम्मेलन कि आसियान मामले: विकास का उपरिकेंद्र” विषय पर आधारित था। राष्ट्रपति ने कहा कि शिखर सम्मेलन में कई प्रस्तावों को अपनाया गया, जिसमें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के नेताओं द्वारा विकास की संभावना पर बयान और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर एक समझौता शामिल है। बयान के अनुसार इसमें शामिल हुए EAS के देशों ने सहयोग के माध्यम से उभरती चुनौतियों और भविष्य के खतरों के खिलाफ लचीलापन रूख अपनाते हुए इस क्षेत्र को विकास के केंद्र के रूप में बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
शिखर सम्मेलन के दौरान सदस्यों ने आसियान को एक ऐसे संगठन के रूप में और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। विडोडो ने शिखर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमें चुनौतियों से मिलकर निपटना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता को सहयोग के लिए आगे बढ़ाना चाहिए, समावेशिता के लिए विशिष्टता को आगे बढ़ाना चाहिए और एकता के लिए मतभेदों को दूर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आसियान के बड़े कर्तव्य केवल अध्यक्षता के साथ खत्म नहीं होंगे बल्कि हम वैश्विक चुनौतियों की जटिलता का सामना करना जारी रखेंगे। इंडोनेशिया ने समापन समारोह में लाओस को 2024 के लिए आसियान की अध्यक्षता सौंपी। वर्ष 1967 में स्थापित आसियान समूह में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। (वार्ता)