
ऐतिहासिक होता है आनंदनगर की जन्माष्टमी
आनंदनगर/महराजगंज। आनंदनगर कस्बे में मनाया जाने वाला कृष्ण जन्माष्टमी पर्व की अपनी ख्याति है। कोरोना काल में यह पर्व नहीं मनाया जा सका था। उसके बाद शुरू हुआ तो पूर्व की तरह रौनक नहीं रही लेकिन इस वर्ष के जन्माष्टमी पर जो भीड़ उमड़ी उससे पिछले जन्माष्टमी पर्व की याद ताजा हो गई। इस बार के सफलतम जन्माष्टमी पर्व की कामयाबी के पीछे रेलवे सुरक्षा कर्मियों की बड़ी भूमिका रही है। GRP के एसओ आदित्य सिंह अपने सहयोगी उपनिरीक्षक मोहन यादव ,अजय यादव सहित भारी फोर्स के साथ चक्रमण करते रहे। विशेष आसूचना शाखा के दयासागर दूबे भी काफी सक्रिय रहे। चूंकि जिस कृष्णा मंदिर पर जन्माष्टमी मनाया जाता है वह आनंद नगर रेलवे लाइन के निकट स्थित है इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से रेलवे सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। बड़ी बात यह रही कि मेले में इस बार आए दुकानदारों से अवैध रूप से धन उगाही नहीं होने पाई।
यहां कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाते जाने की परंपरा रही है। 1956 में क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यवसाई सुदामा शाह ने मन्दिर की स्थापना की थी। यहां लगभग 10 एकड़ में कृष्ण जन्म से लेकर महाभारत तक की लीलाओं का चित्रण इलेक्ट्रानिक उपकरण के माध्यम से होता है,प्रेम पोखरा में पानी में होकर ही भगवान कृष्ण का जन्म के बाद वासुदेव द्वारा मथुरा जेल से गोकुल ले जाया जाता है। मेला देखने यहां काफी दूर दूर से लोग आते है। अनुमानत भीड़ दस से बीस हजार से ऊपर।की होती है।