- “इंडिया” समर्थक दलों के वरिष्ठों के अपने-अपने दावे
- घोषी उपचुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक हलचल
आरके यादव
लखनऊ। घोषी उपचुनाव में हुई ऐतिहासिक जीत का श्रेय लेने की राजनीतिक दलों में होड़ मची हुई है। विपक्षी एकता के लिए गठित इंडिया से जुड़ा हर राजनैतिक दल जीत को लेकर दावे करने में कोई कोर कसर बाकि नहीं रख रहा है। वह चाहे कांग्रेस हो या फिर राष्ट्रीय लोकदल। इन दल के वरिष्ठों की प्रतिक्रिया कुछ ऐसे ही संकेत दे रही है। राजनीतिक मसला भले ही कुछ हो लेकिन घोषी की जीत ने विपक्षी नेताओं के हौंसलों को जरूर बुलंद कर दिया है। इस उपचुनाव में प्रदेश में हाशिये पर चल रहे दलों को नई संजीवनी प्रदान कर दी है।
शुक्रवार को घोषी विधानसभा उपचुनाव को परिणाम आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचलें तेज हो गई। घोषी उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन का पत्र जारी करने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आनन-फानन में एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने कहा कि घोषी उपचुनाव की जीत इंडिया की जीत है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि घोसी की जनता ने अपने दिल में जगह दी। इसके साथ ही भाजपा की जनविरोधी नीतियों से परेशान जनता ने एनडीए को विदा करने का मन बना लिया है।
इस क्रम में राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपने ट्टïवीट में कहा कि देश एवं प्रदेश की जनता भाजपा के झूठ व फरेब की राजनीति से आजिज आ गई। यह परिणाम इसी का संकेत है। उन्होंने कहा कि इंडिया समर्थित इस प्रत्याशी की जीत ने नई ऊर्जा का संचार किया है। शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठï नेता एवं राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने घोषी जीत पर बयान जारी करते हुए कहा है कि देश के विभिन्न प्रदेश में हुए उपचुनावों में घोसी के उप चुनाव ने जनता को एक नई राह दिखाई है। भाजपा की जुमलेबाजी, जनता के साथ धोखा, फरेब, विश्वासघात और महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी से लड़ रही जनता को विकल्प के रूप में अब इण्डिया मिल गया है। हकीकत यह है कि घोषी उपचुनाव की जीत का श्रेय लेने में कोई भी राजनीतिक दल कोई कोर कसर बाकि नहीं रखना चाह रहा है। इसको लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे है।
बसपा की अपील हुई हवा हवाई
घोषी उपचुनाव में बसपा सुप्रीमों मायावती की अपील का कोई असर देखने को नहीं मिला। क्षेत्र के हजारों मतदाताओं ने बसपा सुप्रीमों की अपील को दर किनार कर जमकर मतदान किया। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बसपा का वोट बैंक में सपा ने खासी सेंधमारी कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। उल्लेखनीय है कि मतदान के एक दिन पहले बसपा सुप्रीमों ने दलित मतदाताओं से अपील की थी कि वह मतदान करने न जाए जाएं भी नोटा का बटन दबाएं। घोषी के परिणाम से बसपाईयों में हलचल मची हुई है।