जयपुर से राजेंद्र गुप्ता
ओज़ोन परत का संरक्षण करने के उद्देश्य से वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस घोषित किए जाने के साथ ही, वर्ष 1995 से हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन किया जाता है। इस साल 2023 में हम 29वां विश्व ओजोन दिवस मनाने जा रहे है। ओजोन को पृथ्वी की सुरक्षा ‘छतरी‘ कहा जाता है, लेकिन इसमें प्रदूषण के कारण छेद होने से पृथ्वी पर गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। और संयुक्त राष्ट्र ने भी Ozone Hole Depletion से होने वाले खतरे से विश्व को आगाह किया है।
विश्व ओजोन दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)
पृथ्वी पर तेजी से बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के चलते वायुमंडल में उपस्थित ओजोन लेयर के क्षरण होने की समस्या सामने आने के बाद 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रतिवर्ष 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए यह अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद 16 सितंबर 1995 को पहली बार वर्ल्ड ओजोन डे मनाया गया। यह तारीख वर्ष 1987 में ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख़ को रेखांकित करता है। Montreal Protocol का उद्देश्य ओजोन लेयर के रिक्तीकरण के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन में कमी लाकर इसकी रक्षा करना है।
क्यों मनाते है अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस? (उदेश्य)
प्रति वर्ष 16 सितंबर को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओजोन संरक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य ओजोन परत को होने वाले नुकसान से धरती पर आने वाले संकट से लोगों को आगाह करना और इसके संरक्षण हेतु जागरूकता पैदा करना है। इसके साथ ही ओजोन परत क्षयकारी पदार्थों के उत्पादन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) और क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) के उत्सर्जन में कमी लाना भी इसका मुख्य मकसद है।
विश्व ओजोन दिवस 2023 की थीम
इस साल विश्व ओजोन दिवस 2023 की थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: ओजोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना‘ है। इसकी शुरुआत से ही ओजोन परत के संरक्षण के लिए मनाया जाने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की एक थीम घोषित की जाती है। पिछली साल 2022 में इसे ‘पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने के लिए वैश्विक सहयोग‘ Theme के साथ मनाया गया था, इसकी टैगलाइन ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल @35‘ इस प्रोटोकॉल के 35 साल पूरे होने का जश्न मनाता है।
अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस का महत्व क्या है?
ओजोन लेयर में छेद होने से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में ओज़ोन दिवस मनाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सूर्य से आने वाली इन हानिकारक पराबैंगनी किरणों से कैंसर और त्वचा सम्बंधी रोगों के साथ ही फसलों और समुद्री जीवों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डालता है और आंखों के ऊतकों को भारी नुकसान पहुंचता है और जिसे ‘Snow Blind’ कहा जाता है। वैज्ञानिकों की माने तो ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
ओजोन परत क्या है? और क्यों जरूरी है?
ओजोन ऑक्सीजन का अपर रूप है, यह ऑक्सीजन के 3 परमाणुओं से मिलकर बनती इसीलिए इसे O3 से दर्शाया जाता हैं। यह हल्के नीले रंग की गैस है, जो पृथ्वी के वातावरण के समताप मंडल यानी धरती से लगभग 10 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई (स्ट्रेटोस्फियर) पर पाई जाती हैं। यह सूर्य के भीषण ताप और खतरनाक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से हमें बचाती है, वैज्ञानिकों की माने तो यह पृथ्वी और वातावरण के बाच एक प्रोटेक्टिव शील्ड का काम करती है। इसके बिना धरती पर जीवन संकट में पड़ सकता है। आपको बता दें कि Ozone की खोज सन् 1957 में, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गॉर्डन डॉब्सन ने की थी।
ओजोन रिक्तीकरण के कारण और इसके संरक्षण के उपाय
फ्रिज, AC, अग्निशमन यंत्र, वाहनों और फैक्ट्रीयों के धुंए आदि में क्लोरो-फ्लोरो कार्बन के उपयोग में लगातार बढोतरी और ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण वातावरण में तापमान का बढ़ना ओजोन परत में क्षरण का बड़ा कारण है।
संरक्षण के उपाय…
• प्रदूषण को नियंत्रित करें, और प्लास्टिक, टायर और रबर आदि ना जलाएं।
• वृक्षारोपण को बढ़ावा दे और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।
• एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर का सीमित इस्तेमाल करें।
• खेतों में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल कम से कम करें।
• अगर हमें पृथ्वी को इस भयानक संकट से बचाना है तो हमें विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस 2023 पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम पृथ्वी और वातावरण को बचाने के अथक प्रयास करेंगे।