डॉ दिलीप अग्निहोत्री
नरेंद्र मोदी सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। जनता के बीच उनकी विश्वसनीयता कायम है। गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब छह करोड़ लोगों को अपना परिवार माना। प्रधानमंत्री के रूप में 140 करोड़ लोग उनके परिजन हैं। सबका साथ सबका विकास ही उनका ध्येय है। यही उनका संकल्प है। बिना रुके बिना थके वह इस संकल्प को सिद्ध कर रहे हैं। उनका कार्यकाल शानदार है। उनकी उपलब्धियां बेमिसाल हैं। उनके नेतृत्व में देश निरन्तर विकास कर रहा है। भारत विकसित देश बनने की दिशा में अग्रसर है। उनकी सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है। नौ वर्ष में तेरह करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से उपर आए हैं।
भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का महत्व और प्रभाव बहुत बढ़ा है। वह विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए छब्बीस दलों को गठबंधन करना पड़ा है। अपने अपने प्रभाव वाले राज्यों में इनमे से कोई भी एक दूसरे को देखना नहीं चाहता। इनका लक्ष्य नकारात्मक है। ना नीति है, ना नेतृत्व है। अनेक नेता प्रधानमन्त्री बनने का सपना देख रहे हैं।
इनमें से कोई भी दल विकास की चर्चा नहीं करता। अनेक राज्यों में इनकी सरकारें हैं। दस वर्ष यूपीए की सरकार रही। विकास को मुद्दा बनाने इनकी हैसियत नहीं है। वह जानते हैं कि मोदी सरकार की उपलब्धियां सत्तर वर्षों पर भारी हैं। इसलिए मोदी को हटाने के लिए वोटबैंक की राजनीति का सहारा लिया जा रहा है। सनातन हिन्दू धर्म पर अमर्यादित बयान दिए जा रहे हैं। अजीब स्थिति है। मोदी का विरोधी विपक्ष ही विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।