- मियां मैजिक की बलखाती गेंदों से तहस-नहस हो गई श्रीलंका की बल्लेबाजी
- हार्दिक पांड्या ने पुछल्ले बल्लेबाजों को निपटाया, एक ओवर फेंकने वाले कुलदीप को नहीं मिला विकेट
नया लुक ब्यूरो
कोलंबो। क्रिकेट के दीवानों के बीच मियां मैजिक के नाम से मशहूर मोहम्मद सिराज की लहराती गेंदों ने ऐसा जादू दिखाया कि एक ही ओवर में श्रीलंका के चार बल्लेबाज पैवेलियन लौट गए। 21 रन पर छह विकेट छटकने वाले सिराज के अलावा ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (तीन रन पर तीन विकेट) ने भी कातिलाना गेंदबाजी की। दस विकेट से मिली इस जीत का सेहरा करिश्माई गेंदबाज हैदराबाद के मोहम्मद सिराज के सिर पर बंधा, जिन्होंने अपनी लहराती गेंदों से श्रीलंका के शीर्ष क्रम को तहस-नहस कर दिया और मेजबान टीम 15.2 ओवर के खेल में महज 50 रन ही बना सकी। इसके साथ ही सिराज सबसे तेज गति से एक दिवसीय 50 विकेट लेने वाले तीसरे भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। वहीं खराब मौसम और बारिश के बीच एशिया कप की सफल मेजबानी करने में महती भूमिका निभाने वाले प्रेमदासा स्टेडियम के ग्राउंड स्टाफ को आयोजकों ने 50 हजार अमेरिकी डालर के पुरस्कार से नवाजा। वहीं भारत की जीत में अहम योगदान देने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने खुद को मिली इनामी राशि भी ग्राउंड स्टाफ को देने की पेशकश की।
भारत ने श्रीलंका के खिलाफ दस विकेट से ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुये एशिया कप का खिताब आठवीं बार अपने नाम किया है। इस जीत में सिराज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने श्रीलंका के छह बल्लेबाजों को आउट कर मैच को एकतरफा बना दिया। उनकी इस उपलब्धि के लिये उन्हे प्लेयर आफ द मैच के पुरस्कार से नवाजा गया। सम्मान समारोह में रवि शास्त्री ने मोहम्मद सिराज को मंच पर बुलाया और उन्हे पांच हजार डालर का चेक उपहार स्वरूप दिया। सिराज ने बड़ी सहजता से कहा कि ग्राउंड स्टाफ की कड़ी मेहनत और सहयोग से एशिया कप को निर्विघ्न संपन्न कराया गया है। इसलिये वह समझते हैं कि इसके लिये वह इस पुरस्कार राशि के सही पात्र हैं। ग्रांउड स्टाफ ने विपरीत परिस्थितियों में काम किया जिसके चलते बारिश के बावजूद यहां मैच खेले जा सके।
सिराज के करिश्माई प्रदर्शन से आर प्रेमदासा स्टेडियम की पिच श्रीलंका की बल्लेबाजी के कब्रगाह बन गयी। हल्की बरसात के कारण करीब 40 मिनट की देरी से शुरू हुये मैच में सिराज ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये अपने दूसरे ओवर में एक के बाद एक चार विकेट (पथुम निसंका,सदीरा समराविक्रमा,चरिथ असलंका,धनजंय डिसिल्वा) चटका कर श्रीलंका को मुश्किलों के दलदल में धकेल दिया। इस दलदल से फंसी श्रीलंका की पारी ने छटपटाते हुये 15.2 ओवर के खेल में 50 रन पर दम तोड़ दिया। यह स्कोर एक दिवसीय क्रिकेट इतिहास का तीसरा सबसे कम स्कोर है जबकि एशिया कप के इतिहास में यह किसी टीम द्वारा बनाया गया सबसे कम स्कोर है।
सिराज को दूसरे छोर पर जसप्रीत बुमराह (23 रन पर एक विकेट) और हार्दिक पंडया का भरपूर साथ मिला। अपने पहले ही ओवर में बुमराह ने कुसल परेरा को शून्य पर आउट कर मेजबान टीम पर दवाब बनाया जबकि बाद में दुनिथ वेल्लालगे (13),प्रमोद मदुशन (1) और मथीसा पथिराना (0) को सस्ते में चलता कर टीम इंडिया को अपना आठंवा एशिया कप खिताब जीतने का जश्न मनाने का मौका दे दिया। श्रीलंका के आठ बल्लेबाज अपने निजी स्कोर को दहाई के स्थान पर नहीं ले जा सके जिनमें पांच तो अपना खाता भी नहीं खोल सके। (इनपुट वार्ता)